मुंशी प्रेमचंद सम्मान लेने वाले “भारत के सबसे युवा कलमकार” रणदेव” को मिलेगा “विविधता में एकता राष्ट्रीय सम्मान”By adminSeptember 12, 20190 मुंशी प्रेमचंद सम्मान लेने वाले “भारत के सबसे युवा कलमकार” रणदेव” को मिलेगा “विविधता में एकता राष्ट्रीय सम्मान” रणजीत सिंह…
रणजीत सिंह चारण "रणदेव" बनें मुंशी प्रेमचंद सम्मान लेने वाले भारत के सबसे युवा कलमकारBy adminApril 17, 20190 रणजीत सिंह चारण “रणदेव” बनें मुंशी प्रेमचंद सम्मान लेने वाले भारत के सबसे युवा कलमकार श्री विभगुंज वेलफेयर सोसायटी…
पुलवामा आंतक से एक ओर शहीद (पढे़ रणजीत सिंह चारण ‘रणदेव’ की कहानीBy adminFebruary 21, 20190 पुलवामा आंतक से एक ओर शहीद (पढे़ रणजीत सिंह चारण “रणदेव” की कहानी और साथ ही भारत और भारत देश…
द भजानंदी फाउंडेशन द्वारा आयोजित चारण शक्ति दर्शन भव्य कार्यक्रम मढ्डा में आप सभी चारण गढवीं बंधुजन पधारकर माँ जगदम्बा की कृपा लेंवें। चारण मिलन एकता संजोग लेंवेंBy adminJanuary 2, 20190 “द भजानंदी फाउंडेशन द्वारा आयोजित चारण शक्ति दर्शन भव्य कार्यक्रम मढ्डा में आप सभी चारण गढवीं बंधुजन पधारकर माँ जगदम्बा की कृपा…
अमावस्या को दीपों से चमकती, मैं दीपावली न सुरज न चाँद की- रचित-रणजीत सिंह चारण ‘रणदेव’ मुण्डकोशियां, राजसमंदBy adminNovember 6, 20180 अमावस्या को दीपों से चमकती, मैं दीपावली न सुरज न चाँद की | आयी हैं तुमको याद जिस दिन,,…
चिरज-रणजीत सिंह चारण रणदेवBy adminOctober 7, 20180 ” चिरज ” माँ क्रूपा करो मेहाई मायड, देशाणे काबा वारी . हैं काबावाली डोकरी,, आवड करनल अवतारी |…
चारण एक धारण-रणजीत सिंह रणदेव चारणBy adminOctober 7, 20180 चारण एक धारण केवण विनती कालजों , मेहाई सुण मात। चारण बट कैसे वियों,, सबने करदों साथ।।1।। चारण एक…
दोहें जगदम्बा के-रणजीत सिंह रणदेव चारणBy adminOctober 7, 20180 दोहें जगदम्बा के आप पधारों आवडा, दुजों लिए अवतार। गान अब तोरे गाऊं,,करज्यों न इणकार।।१।। शक्ति हिगलाज सरूपा, सेवग…
उदयपुर कन्या चारण छात्रावास के लिए कविता-रणजीत सिंह रणदेव चारणBy adminOctober 7, 20180 जय श्री करणी माँ, जय लुंग माँ, जय सोनल माँ उदयपुर कन्या चारण छात्रावास के लिए कविता हें शिक्षा न्यारी,…
श्री करणी शतक115 दूहों की दूहावली-रचित रणजीत सिंह चारणBy adminOctober 7, 20180 *श्री करणी शतक* 115 दूहों की दूहावली रचित रणजीत सिंह चारण “रणदेव” मुण्डकोशियां *गणपति तोरे गुण गऊं, पहला लागू पाय।*…