March 21, 2023

पीर की स्तुति:- कानदासजी मेहडू

पीर की स्तुति:- कानदासजी मेहडू कानदासजी मेहडू नाम के हिंदूधर्मी चारण, जब खुद कोई झूठे इल्ज़ाम के लिए अंग्रेजों के कैदी बने, उस समय उन्होंने दरीयाई पीर की स्तुति कि तब जेल में दरीयाई पीर आकर उनकी बेड़ीया तोड़ने की दंतकथा है। इस पूरे आलेख में, कानदास चारण ने गोरों …

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1857 के स्वातंत्र्यवीर कानदासजी मेहडू – डॉ. अंबादान रोहड़िया

भारतीय इतिहास विषयक ग्रंथों का अवलोकन करने से एक बात सुस्पष्ट होती है कि हम भारत का प्रमाणभूत एवं क्रमबद्ध इतिहास प्रस्तुत करने में सफल नहीं रहे हैं। हमारे यहाँ इतिहास एवं पुरातत्व विषयक दस्तावेज़ों के जतन करने का कार्य यथोचित रूप से नहीं हुआ है। आज भी भारतीय साहित्य, …

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कानदासजी मेहडू कृत हनुमान वंदना

दोहा सुरस्वती उजळ अती, वळि उजळी वाण। करु प्रणाम जुगति कर, बाळाजती बखाण॥1॥ अंश रुद्र अगियारमो, समरथ पुत्र समीर। नीर निधि पर तीर नट,कुदि गयो क्षण वीर॥2॥ खावण द्रोणाचळ खमै, समै न धारण शंक। वाळण सुध सीता वळै, लिवि प्रजाळै लंक॥3॥ पंचवटी वन पालटी, सीत हरण शोधंत। अपरम शंके धाहियो, …

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श्री कानदास जी मेहड़ू कृत विरवड़ी जी रो छंद

बिरवडी जी रा छंद ॥दोहा॥ तुं दीधा नूं देव, नरही लीधा नूं नही। गरवी मां गंगैव, बिरद तुहाळौ बिरवडी॥ 1 ॥ निवत कटक नव लाख, जिण नवघण जिमाडियो। सुरज शशिहर शाख, बिरद तुहाळौ बिरवडी॥ 2 ॥ ॥छंद सारसी (हरिगीत)॥ दांतां बतीसां सौत जाई, लिया दांत सु लोहरा। अचरज्ज दरशण हुऔ …

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क्रांतिकारी कानदासजी मेहड़ू परिचय

क्रांतिकारी कानदासजी मेहड़ू परिचय जन्म:- संवत 1867  (बालवय मा माता ने पिता नु अवसान)।    अभ्यास:- संवत 1867 मा, बाळ अवस्था मा भुज पाठशाला मा गया।   शिग्रविध्या अने कवि नो  इल्काब:- 18 वर्ष  पाठशाला माँ रही संवत  1890 माँ शिग्रविध्या अने  कवि नो इल्काब (भुज ना राजा तथा आचार्य श्री …

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