नज़्मों का नासेटू – डॉ. रेवंतदान बारहठ
नज़्मों की नासेट में निकला हुआ शायरजब मांधारा होने के बादअपने आसरे को लौटता हैतो उखणकर लाता हैअनोखे अनोखे आखर ख़ूजों में भरकर लाता हैख़्यालों की खूम्भीयाँसबदों की रिनरोहि मेंरबकते हुए चुरबण के लिएचापटियों को चुगता हैछिलोछिल भरता हैदिल की दिहड़ी कोकच्ची हथकढ़ दारू से राह की अबखाइयाँ कोमुरड़कर भारा …