कोरोना से करें किनारा ~ डॉ. गजादान चारण ‘शक्तिसुत’By डॉ. गजादान चारणApril 7, 20200 जाग चुका है कोना कोना छोड़ चुके गफ़लत में खोना मिलकर सारे करें सामना, क्या कर लेगा रोग कोरोना? चिकित्सकों…
गजादान चारण ‘शक्तिसुत’By डॉ. गजादान चारणMarch 29, 20200 जन्म 15 मार्च 1972 उपनाम शक्तिसुत जन्म स्थान नाथूसर (लूणकरणसर) बीकानेर कुछ प्रमुख कृतियाँ विविध ‘राजस्थानी निबंध-संग्रै’ का संपादन…
आसै बारठ रै चरणां में ~ डॉ. गजादान चारण ‘शक्तिसुत’By डॉ. गजादान चारणMarch 21, 20200 मधुसूदन जिण सूं रीझ्यो हो, वरदायी जिणरी वाणी ही। बचनां सूं जिणरै अमर बणी, ऊमा दे रूठी राणी ही। कोडीलै…
जीवटता री जोत जगावतो अंजसजोग उल्थौ: चारु वसंता – डॉ. गजादान चारण “शक्तिसुत”By डॉ. गजादान चारणMarch 21, 20200 साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली रै अनुवाद पुरस्कार 2019 सूं आदरीजण वाळी काव्यकृति ‘चारु वसंता’ मूळ रूप सूं कन्नड़ भासा रो…
हर दिल हिंदुस्तान रहेगा – डॉ. गजादान चारण “शक्तिसुत”By डॉ. गजादान चारणJanuary 26, 20201 ना मिलती है अनायास ही,ना मिलती उपहारों मेंना पैसे के बल आजादी,मिलती कहीं बाजारों में लाखों का सिंदूर पुँछा है,लाखों…
डग-डग माथै खौफ डगर मेंBy डॉ. गजादान चारणJanuary 21, 20200 डग-डग माथै खौफ डगर में,नागां रो उतपात नगर में।जिणनै भूल चैन सूं जील्यूं,(क्यूँ) बात बा ही पूछै बर-बर में। स्याळ्यां…
बन्द करिए बापजी – गजलBy डॉ. गजादान चारणJanuary 12, 20200 हर बात को खुद पे खताना, बन्द करिए बापजी। बिन बात के बातें बनाना, बन्द करिए बापजी। बीज में विष…
राज बदळियां के होसीBy डॉ. गजादान चारणJanuary 12, 20200 कांई फरक पड़ै कै राज किण रो है ? राजा कुण है अर ताज किण रो है ? फरक चाह्वो…
भारत नैं आज संभाळांलाBy डॉ. गजादान चारणJanuary 12, 20200 सूरज जद स्याह अंधेरी सूं, रंग-रळियां करणो चावै है। चांदै नैं स्यामल-रजनी रै, आँचळ में आँणद आवै है। इसड़ी अणहोणी…
जिंदगीBy डॉ. गजादान चारणJanuary 9, 20200 कर रहा हूँ यत्न कितने सुर सजाने के लिए पीड़ पाले कंठ से मृदु गीत गाने के लिए साँस की…