March 25, 2023

धाट पारकर भाषाई अस्मिता- अमरदान आशिया पार्वतीतलाई

सादर जय माता जी री। सर्वप्रथम, भावों की पूर्ण अभिव्यक्ति न हो पाने के कारण मैं धाटी में न लिख कर हिंदी में लिख रहा हूँ इसके लिए मुझे खेद है। धाट पारकर बोलियों पर विमर्श करने के लिए एक ऐसे समूह की आवश्यकता थी जो केवल इस विषय पर …

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कथा रो नाम-चूनड़ी (अमरदानजी आशिया पर्वतीतलाई)

दरिया साकळो वेड़ो बोआरती पड़ी ती, इते दरिया री देरांणी आए अन बोली – लाडी आज वळे बजार गयी है? दरिया लारे जोए अन बोली- बाई की करां ? अरजन वुए नां आज तीन महीणा ए को थेया है अन वींधणी तो महीणो थेयो है तसे री तसे पी जाये …

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