धाट पारकर भाषाई अस्मिता- अमरदान आशिया पार्वतीतलाई
सादर जय माता जी री। सर्वप्रथम, भावों की पूर्ण अभिव्यक्ति न हो पाने के कारण मैं धाटी में न लिख कर हिंदी में लिख रहा हूँ इसके लिए मुझे खेद है। धाट पारकर बोलियों पर विमर्श करने के लिए एक ऐसे समूह की आवश्यकता थी जो केवल इस विषय पर …