गुरु गोविंद दोनों खडे,कीसको लागुं पाय बलीहारी गुरुदेव की,(मोहे) गोविंद दियो बताइBy adminApril 22, 20190 गुरु गोविंद दोनों खडे, कीसको लागुं पाय बलीहारी गुरुदेव की, (मोहे) गोविंद दियो बताइ अमर लोकसाहित्यकार इशरदान गढवी नी रेकोडींग…
चारणकवि श्री बापलभाइ नी अति सुंदर रचनाBy adminApril 15, 20190 चारणकवि श्री बापलभाइ नी अति सुंदर रचना माडी तमे आवो मयुरे चडी माडी तमे आवो मयुरे चडी..(टेक) आवो मयुरे चडी,…
चारणी चरज=आवड ने भेळीयोBy adminApril 15, 20190 चारणी चरज= आवड ने भेळीयो जेने वंदन करे छे सुरज भाण…आवड ने भेळीयो मोगलमाने भेळीयो मारी,आवड माने भेळीयो (२) जेने…
जाजी रे खमायुं सोनलBy adminApril 15, 20190 जाजी रे खमायुं सोनल जाजी रे खमायुं सोनल तने जाजी रे खमायुं चारणकुळनी तारणहारी तने जाजी रे खमायुं काळा वादळ…
कागबापुनी रचना – आज तरछोड माँ जोगमायाBy adminApril 15, 20190 कागबापुनी रचना= आज तरछोड माँ जोगमाया भान बेभानमां मात ! तुजने रट्या, विसारी बापनुं नाम लीधुं…, चारणो जन्मथी पक्षपाती…
वित्त वावरवानुं रण चडवानुं नामरदानुं काम नथीBy adminApril 15, 20190 वित्त वावरवानुं रण चडवानुं नामरदानुं काम नथी प्रोणा पावानुं गुण गावानुं, खवरावीनुं खावानुं घोडे चडवानुं मूछे तानुं, घवरावीने घावानुं कृत…
एकली ऊभी अयोध्यानी नार=चारणकवि पद्मश्री कागबापु द्वारा रचीत भजनBy adminApril 15, 20190 एकली ऊभी अयोध्यानी नार=चारणकवि पद्मश्री कागबापु द्वारा रचीत भजन एकली ऊभी कोइ अटूली अजोधानी ना…र (२); बाप बेटानां दाण मांगे…
चारण कवी बलदेव भाइ नरेला रचित आइ सोनल नी चरजBy adminApril 15, 20190 चारण कवी बलदेव भाइ नरेला रचित आइ सोनल नी चरज मढडामां भाळी में मरमाळी रे, माताजी तारी मुरती रे जी…
धर्मना भाइ माटे बलिदान आपनार "आइ श्री विसरी माताजीBy adminApril 14, 20190 धर्मना भाइ माटे बलिदान आपनार “आइ श्री विसरी माताजी” कच्छनी केशरी भुमी माटे कविने लखवुं पडे छे… पथराळ, खळकाळ, विकराळ…
चारणकवि श्री शंकरदान जेठीदान देथा द्वारा रचीत हिंगलाज माताजी नो छंद हरिगीत = हिंगला अधहारणीBy adminApril 14, 20190 चारणकवि श्री शंकरदान जेठीदान देथा द्वारा रचीत हिंगलाज माताजी नो छंद हरिगीत = हिंगला अधहारणी …