चिंता हरती चारणी – राजेन्द्र कवियां बिराई.By adminJune 6, 20190 चिंता हरती चारणी, पूतो रखती पाल। अंबा अवतरी बलदरे, लूंग सगत रखवाल।। ममता सूरत मोहणी, हृदे बसे हिंगलाज। दुखियो रा…
सुप्रभातम् सुरराय ने, मेहाई महाराज- राजेन्द्र कवियां बिराईBy adminDecember 6, 20180 सुप्रभातम् सुरराय ने, मेहाई महाराज। अंबा आवङ रूप मों, आप पधारो आज।। अबखी बेंला ईशरी, मदद करो महमाय। सुत जूंझे…
माँ माँ करता दीकरा, आया मढ रे द्वार- राजेन्द्र कवियां बिराई.By adminDecember 6, 20180 माँ माँ करता दीकरा, आया मढ रे द्वार। दिव्यदृष्टि सो देखती, जननी सुत परिवार।। पिता रूप परमेश्वरा, जिण जग रच्यों…
हिवङें में हुल्लास अति- राजेन्द्र कवियां बिराईBy adminDecember 6, 20180 हिवङें में हुल्लास अति, मन मों श्रद्धा भाव। शैणों बुलावे शंकरी, कल चौदस रो चाव।। मंजर बङो ये मोहणों, वां…
प्रथम पौर प्रभात मे, नर नमो नारायण – राजेन्द्र कवियां बिराईBy adminNovember 19, 20180 प्रथम पौर प्रभात मे, नर नमो नारायण। पुण्य भाग प्रताप सो, देह मनुज की धारण।। बुद्धि विवेक विचार दियो, दीनो…
सुप्रभातम् शक्ति सुतन, सुंडाला शिर वदन राजेन्द्र कवियां बिराईBy adminNovember 19, 20180 सुप्रभातम् शक्ति सुतन, सुंडाला शिर वदन। विघ्न नाशम् विनायकम्, जो शोभा शिव सदन।। सुप्रभातम् माँ शारदे, कंठो करत निवास। शब्द…
शबरी स्नेह- राजेन्द्र कवियां बिराईBy adminNovember 10, 20180 : शबरी स्नेह: निःस्वार्थ री साधना, घट में रटणों राम। शबरी मन मों सांवरों, कद आसी इण धाम।। राह देखें…
माँ सम ना है मानवी, सुत री राखण सार- राजेन्द्र कवियां बिराईBy adminNovember 9, 20180 माँ सम ना है मानवी, सुत री राखण सार। लाखण लायी लाडलो, झगङो कर जमद्वार।। काबा कूदें कोड सूं, चौगुणों…
आद शक्ति आवङा माँ, दर्शन दीजो आय- राजेन्द्र कवियां बिराईBy adminNovember 9, 20180 आद शक्ति आवङा माँ, दर्शन दीजो आय। दास खङो निज द्वार पर, मेंहर कर महमाय।। मन मो बसे माँ माँमङा,…
हृदय हरि भगवान बसे- राजेन्द्र कवियां बिराईBy adminNovember 9, 20180 एक बंधु ने प्रश्न किया कि संसार में मंदिर कहाँ है दूसरा प्रश्न उनका था कि स्वर्ग और नरक कहाँ…