March 20, 2023

कर्मरत होकर के जागे सोया स्वाभिमान- कुं गोविन्द चारण झणकली

कर्मरत होकर के जागे सोया स्वाभिमान। जागो देवी की संतान……….२ उदित हुई थी शिव-शक्ति की जो परम्परा। ज्ञान-पूँज से धन्य हुई सदियो वसुन्धरा।। आओ फिर से सजग करे कौमी वरदान। जागो देवी की संतान……….. २ रजवाड़ो की अलबेली रीतो मे शान हमारी गूंजती। सता के गलियारो मे अन्यायी शिराए थी …

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तुंही नाम तारण, सबै काम सारण – मुराद मीर कृत

तुंही नाम तारण ,सबै काम सारण, धरो उसका धारण , निवारण करेगो। न था दन्त वांको, दिया दुध मां को, खबर हैं खुदा को, सबर वो धरेगो। तेरा ढुंढ सीना, मिटै दिल का कीना, जिन्हें पेट दीना, सो आपैही भरेगो। मुरादन कहै या मुकद्दर के अन्दर, जिन्हें टांक मारा, न …

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ये चारण किसमें आते है – भवानीसिंह कविया नोख

ये चारण किसमें आते है मेरे मित्र ने मुभसे पूछी बात। किसमें आती है चारण जात। वर्ण व्यवस्था में वर्ण चार है। सनातन धर्म का यही सार है। वेद पुराण भी यहीं गाते है। पर ये चारण किसमें आते है।। मैंने पहली बार विचार किया। अोर उतर भी पहली बार …

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शेर तथा सुअर की लड़ाई का वर्णन – हिंगलाजदान सेवापुरा

शेर तथा सुअर की लड़ाई का वर्णन, कृत – हिंगलाजदानजी सेवापुरा जयपुर दोहा गिर आडो जाडो गहर,घाटा विकट घणाह। बाहण उण जागां बस्या,त्रण लोयणां तणाह।। जिण जागां थाहर जबर,फाबै नाहर फैल। बांको उण मागां बहै,खाटक हेक खगैल।। नाहर सूतो नींद में, सींहणी जागै संग। जायो भूंडण रो जठै,भड़ आयो अण …

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