ध्रुव स्तुति – महात्मा नरहरिदास बारहठ
“अवतार चरित्र” ग्रन्थ में ध्रुव-वरद अवतार की स्तुति ।।छन्द – कवित्त छप्पय।।ऊँकार अपार, अखिल आधार अनामय।आदि मध्य अवसान, असम सम आतम अव्यय।एक अनेक अनंत, अजीत अवधूत अनौपम।अनिल अनल आकाश, अंबु अवनी मय आतम।उतपत्ति नाश कारन अतुल, ईश अधोगत उद्धरन।अध मध्य ऊर्ध व्यापित अमित, तुम अनंत असरन सरन।।1।। परमधाम पर ज्योति, …