कवि खेतदानजी मीसण ने एक प्रेमावती छन्द में कहा है कि – आवड़दान मीसणBy adminSeptember 8, 20180 कवि खेतदानजी मीसण ने एक प्रेमावती छन्द में कहा है कि……… कूड़ा धुड़ा सबे कबीला, ठग बाजि ठेराया है। गरज…
राजकवि खेतदान दोलाजी मीसण परिचयBy adminOctober 17, 20170 चारण समाज में ऐसे कई नामी अनामी कवि, साहित्यकार तथा विभिन्न कलाओं के पारंगत महापुरुष हुए हैं जो अपने अथक…
धना गाम के गांगजी मालदे सोढा रा सोरठा कृत खेतदान मीसणBy adminOctober 17, 20170 धना गाम के गांगजी मालदे सोढा रा सोरठा खेतदान दोलाजी मीसण देदलाई कृत कुळ हुकळ कचारियां, रजवट भूपत राण। सोभे…
इन्द्रबाई माताजी(खुड़द) का छंद कृत खेतदानजी मीसणBy adminOctober 17, 20170 इन्द्रबाई माताजी(खुड़द) का छंद (75 साल पूर्व रचित) ।।दोहा।। आद भवानी इश्वरी, जग जाहेर जगदंब। समर्यां आवो सायजे, वड…
करणी माता रो आवाहण गीत कृत खेतदानजी मीसणBy adminOctober 17, 20170 ।।करणी माता रो आवाहण गीत।। ।।गीत – साणोर।। सुनने के लिये यहाँ वीडियो रखा गया क्लिक करें…
करणी मां का छंद कृत खेतदानजी मीसणBy adminOctober 17, 20170 ।।करणी मां का छंद।। ।।दोहा।। आप अजोनी ओपनी, माजी मरूधर मांय। देवी धन देशनोक में, मेहासधु महमाय—–(1) असरण सरणो आपरो,…
कवि श्री खेतदानजी मीसण ने शनिदेव को रिझाने (प्रसन्न) के लिए एक स्तुति की रचना कीBy adminOctober 17, 20170 कहते है जब किसी का समय खराब चल रहा हो या किस्मत साथ न दे रही हो तो लोग कहते…