March 29, 2023

कलु में कलेश काप, चहुदे संमत चाप- भँवरदानजी माडवा मधुकर

लगत पाव करनल नमो, दीपत जांगल देस। सगत रचावत सुंपक्षरो, भगत कवी भमरेस। कलु में कलेश काप, चहुदे संमत चाप, आया चमालै में आप, सगत सुवाप। धरा पै सुगाल धाप, मरूधरा अणमाप, थिरा सुख धर्म थाप, प्रजारण पाप। तात मेहा दियो तार, विषधर कियो वार, आय उण वार ,दियो जहर …

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कविराज भँवरदानजी माडवा मधुकर द्वारा- मधुकर मेहाई समुह

मधुकर मेहाई समुह , सदर सकव सतोल । गिरधर मोहन सा गजो , अजय खेत अणमोल।। अवल एकादस एडमीन , सुपर मोहन सधीर । राजन कवि रिछपाल सा , मधुकर मिठल मीर।। गढवी कै भाटी गुणी , माड़ मरुधर महीप । अधिकारी केता अवल , दो दो सुकवी दीप।। व्याख्याता …

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आज धन तेरस के दिन मां लक्ष्मी सभी के यहां धन कि वर्षा करे। माँ करणी भगत जनां को आनंद बगसावै सादर कवि मधुकर

आज धन तेरस के दिन मां लक्ष्मी सभी के यहां धन कि वर्षा करे। माँ करणी भगत जनां को आनंद बगसावै सादर कवि मधुकर। दिवाली तेरसी दिन, दुनी आवै आछो दन, धपल दिरावै धन, रमा महारानी है। अपल पुरावै अन, कुंजर किड़ी को कन, जल थल जेता जन, अमा अरमानी …

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रामजी री चालिस पिढी तक रा वर्णण – मधुकर माड़वा (भवरदानजी)

ब्रह्मा के मरिची बेटै, मरिची कश्यप मुणां, कश्यप के पूत, विस्ववान कहलायै है। विस्ववान के वेवत्स, वेवत्स इक्षाकु बणै, वीर महा नगर वो, अहोध्या बसायै है। इक्ष्याकु कै कुक्षी अरू, कुक्षी कै विकुक्षी कहै, विकुक्षी के बांण, ताकै अरण्य बतायै है। अरण्य के पृथू अरू, पृथू के त्रिशूक पुणां, त्रिशूंक …

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राजस्थान की प्रशिद लोक देवियां कवित – कवि मधुकर माड़वा (भवरदानजी)

राजस्थान की प्रशिद लोक देवियां कवित कवि मधुकर   करनल मात कहै, देशनोक बीकानेर, चुवां वाली देवी जग, चावा जस चया है। तैमड़ा तणोट आद स्वांगिया मालण तहां, जगत जैसांण जिला, प्रशिद जो भया है। केला देवी करोली ज्यू, जमुमाय जैपुर में, रैवासा वो जीण माता सीकर में रया है। …

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जांमा सति का त्रिभंगी छंद – कवि मधुकर माड़वा (भवरदानजी)

धन्य सुन्दर तण धिवड़ी, निज उण जांमा नाम। हड़वेची जल अमर हुइ, कर सुकरत भल काम।(1) जाती तणा किया जतन, गाल सती धन गात । पात देथो  अमर पती, मीठड़ियै वण मात।(2) मीठड़ियै माता सगत सुहाता, वर्ण विधाता विख्याता। पांथव सुख पाता गुण जस गाता, परम पुजाता प्रख्याता। गढवां रा …

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