कलु में कलेश काप, चहुदे संमत चाप- भँवरदानजी माडवा मधुकर
लगत पाव करनल नमो, दीपत जांगल देस। सगत रचावत सुंपक्षरो, भगत कवी भमरेस। कलु में कलेश काप, चहुदे संमत चाप, आया चमालै में आप, सगत सुवाप। धरा पै सुगाल धाप, मरूधरा अणमाप, थिरा सुख धर्म थाप, प्रजारण पाप। तात मेहा दियो तार, विषधर कियो वार, आय उण वार ,दियो जहर …