March 21, 2023

चारण गुण ओर चारण कवियो का कर्तव्य वर्णन ​- कवि खूमदान बारहठ

चारण गुण ओर चारण कवियों का कर्तव्य वर्णन​ कृत:- कवि श्री खूमदानजी बारहठ दोहे​ चारण वर्ण चतुर है, वाका ब्रद बुलंद। ह्रदय विमल परहित करण, सज्जन स्वभाव सुखन्द।।(1) सत्य वक्ता सदभावना, अधका वीर उदार। बुधवन्ता चर्चत ब्रद, वधता ज्ञान विचार।।(2) गुणवता चित गौरवता, राज सभा का रूप। रस भरी कविता …

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ईश्वर की रंग बिरंगी विश्व रचना का वर्णन- कवि खूमदानजी बारहठ

ईश्वर की रंग बिरंगी विश्व रचना का वर्णन:- कृत- कवि खूमदानजी बारहठ दोहा भरया कोटि ब्रहमण्डों, विध-विध लीला विधान। रंग के के कुदरत रची, सोइया ते सुभान।। छंन्द जात डुमेला सिर बंधा विध-2 किये प्रकृति वीस्तारण, धारण कोटि ब्रहमण्ड धरा। अंतरिक्ष मे सूरज चंद्र उजासत, तारादि व्रन्द ग्रहों तिनरा।। हद …

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ईश्वर की गहन गति का वर्णन- कवि खूमदानजी बारहठ

ईश्वर की गहन गति का वर्णन दोहा गहन गति प्रभु की गिणो, वर्णे कोण वखाण। रहे अन्दर बाहर रमें, कैक रचे कमठाण।। छंद जात सारसी के के रचाना कमठाणा, जगत जाना नाज के। सिद्ध पुरुष स्याना शोधनाना, तान भुलाना तिके।। प्रकृति प्रमाना पार पाना, कठिन महाना काम है। टेक भव …

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कविराज खूमदान लांगीदानजी बारहठ

कवि खूमदान बारहठ अभिनन्नदन पत्र धाट पारकार समाज द्वारा चंपानगर Previous Next नाम खूमदान बारहठ माता पिता का नाम पिता लांगीदानजी बारहठ जन्म व जन्म स्थान पाकिस्तान के चारणवास ग्राम भीमावेरी, तहसील – नगरपारकर, जिला-थरपारकर, सिंध प्रदेश में दिनांक 08 फरवरी, 1911, विक्रम संवत 1968 माघ शुक्ल द्वादशी शुक्रवार.  स्वर्गवास …

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