March 29, 2023

नज़्मों का नासेटू – डॉ. रेवंतदान बारहठ

नज़्मों की नासेट में निकला हुआ शायरजब मांधारा होने के बादअपने आसरे को लौटता हैतो उखणकर लाता हैअनोखे अनोखे आखर ख़ूजों में भरकर लाता हैख़्यालों की खूम्भीयाँसबदों की रिनरोहि मेंरबकते हुए चुरबण के लिएचापटियों को चुगता हैछिलोछिल भरता हैदिल की दिहड़ी कोकच्ची हथकढ़ दारू से राह की अबखाइयाँ कोमुरड़कर भारा …

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सृष्टा – दृष्टा ~ डॉ. रेवंतदान बारहठ

देख रहा है सृष्टा को दृष्टा दूर अनंत अंतरिक्ष में उसे दिखाई दे रही है प्रकाश वर्ष को द्रुत गति से लांघती लपलपाती हुई एक अगन लौ भाप बनकर उड़ते हुए समंदर, हरहराकर धरती के सारे गर्तों को पाटते हुए हिमगिरि के सब उतंग शिखर, पवन उन्नचास के वेग में …

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दीपै वारां देस, ज्यारां साहित जगमगै (एक) – डॉ. रेवंत दान बारहठ

काव्य चेतना के उच्चतम सोपान का साहसी नासेटू-तेजस मुंगेरिया एक रचनाकार अपने समय का गौरव होता है। यह बात उन लेखकों और कवियों पर अक्षरशः लागू होती है जो अपने इतिहास और संस्कृति के उज्जवल पक्ष को शब्दों में सारजीत करते हैं। जिस समाज, संस्कृति और देशकाल में ऐसे रचनाकार …

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काल कवि – डॉ. रेवंत दान बारहठ

काल कवि समय के महासमर में मैंने शाश्वत शब्दघोष किया है शब्द मेरे शस्त्र रहे हैं शब्द शक्तियां आत्मसंयम रही हैं मैं सनातन साक्षी हूं असंख्य सभ्यताओं संस्कृतियों की श्रृंखलाओं शक्तिशाली सत्ताओं का, मैं साक्षात हुआ हूं अनेकानेक सूरवीरों स्वयंभू शासकों दानवीरों, प्रणवीरों और विद्या के विविध वाग्वीरों से आक्रांताओं …

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लांगीदासजी मेहडू

सरस्वती की उपासना – चारण, जो उपासना को अपने जीवन का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य मानते हैं, भारतीय संस्कृति की पहचान और समाज में नैतिकता, त्याग, बलिदान, वीरता और भक्ति की वृद्धि के लिए साहित्य का सृजन किया है। समाज को आकार देने के विशिष्ट दृष्टिकोण के साथ, चारणी …

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चारण – डॉ. रेवंत दान बारहठ

सृष्टि रचयिता ने स्वर्ग के लिए जब पहली बार रचे थे पांच देव – देवता, विद्याधर, यक्ष, चारण और गंधर्व तभी इहलोक पर रचा था केवल एक नश्वर मनुष्य मगर मनुष्य ने खुद को बांट दिया था क्षत्रिय, बामण, वैश्य और शूद्र में कहते हैं कि राजा पृथु ने स्वर्ग …

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महाराणा प्रताप

खून के निज् शौर्य से अनमिट कहानी लिख गए,गर्व से मरकर अमरता की कहानी लिख गए। देश उनकी वीरता का ऋण चुका सकता नहीं,वो माँ भारती के नाम पर अपनी जवानी लिख गए।। आज हम बात करेंगे ऐसे रणवांकुरे की जिसके शौर्य और प्रताप को सारा राष्ट्र नमन करता है …

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दिल्ली षड़यंत्र केस’ के बलिदानी

बलिदान दिवस:- 08.05.1915 राष्ट्रभक्त मित्रों, आज से 108 वर्ष पूर्व गुलाम भारत के दौर में रासबिहारी बोस के नेतृत्व में मास्टर अमीर चंद, अवध बिहारी, भाई बालमुकुंद, कुंवर प्रताप सिंह बारहठ व बसंत कु. बिस्वास जैसे राष्ट्रभक्तों ने 23.12.1912 को दिल्ली के चांदनी चौक में उस समय जोरदार बम धमाका …

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वीरां माऊ वंदना

सिरुवै जैसल़मेर रा रतनू हरपाल़जी समरथदानजी रा आपरी बखत रा स्वाभिमानी अर साहसी पुरस हा। इणां री शादी रतनुवां रा बही-राव, रावजी पूनमदान नरसिंहदानजी बिराई रै मुजब गांम सींथल़ रा बीठू किशोरजी डूंगरदानजी रां री बेटी वीरां बाई रै साथै हुई। जद जैसलमेर रा तत्कालीन महारावल़ जसवंतसिहजी(1759-1764वि) अर भाटी तेजमालजी …

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बजरंग रंग बाईसी ~ गणेशदानजी रतनू दासोड़ी

आज पुरानी पत्रिकाओं के पन्ने पलटते हुए बिड़ला एज्युकेशन ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित प्रसिद्ध व प्रतिष्ठित पत्रिका ‘मरूभारती’ 1990के अंक में मेरा एक शोध लेख छपा था-‘डिंगल़ काव्य में महावीर हनुमान संबंधी रचनाएं।उन दिनों मैं बी.ए फाईनल का विद्यार्थी था और श्री करनी चारण छात्रावास सादुलगंज बीकानेर में रहता था। इस …

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