March 21, 2023

चन्द्र प्रकाश देवल

.

चंद्रप्रकाश देवल

 जन्म14 अगस्त 1949
 जन्म स्थानउदयपुर, राजस्थान
 कुछ प्रमुख कृतियाँ
पागी, कावड़, मारग, तोपनामा और झुरावौ (सभी राजस्‍थानी कविता संग्रह)
 विविध
रूसी सहित कई भारतीय भाषाओं से राजस्‍थानी में अनेक महत्‍वपूर्ण कृतियों का अनुवाद।
 जीवन परिचय

डॉ॰ चन्द्र प्रकाश देवल (अथवा चंद्र प्रकाश देवल) प्रसिद्ध राजस्थानी कवि, अनुवादक ओर राजस्थान के जाने-माने साहित्यकार हैं। राजस्थानी साहित्य अकादमी सलाहकार परिषद के संयोजक भी हैं। आपने अनेकों कविता संग्रह और लघु कथाएँ लिखी हैं और दोस्तोयेव्स्की के क्राइम एंड पनिश्मेंट और सैमुअल बेकेट के वेटिंग फॉर गोडोट जैसे विश्व क्लासिक्स का अनुवाद किया है। राजस्थानी और हिंदी में आपके उल्लेखनीय योगदान के लिए, आपके राजस्थानी कविता संग्रह पागी को साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाज़ा गया और 2011 में पद्म श्री सम्मान से सम्मानित किया गया।

अनुवाद
उन्होंने बंगाली, उड़िया, गुजराती, हिन्दी और पंजाबी कविताओं और पुस्तकों का राजस्थानी में अनुवाद किया है।
इन्होंने रसियन उपन्यासकार फ्योदोर दोस्तेयेवस्की की रचना “Crime and Punishment” का तथा सेम्यूल बकेट के नाटक “Waiting for God of’ का राजस्थानी में अनुवाद किया है।

सम्मान

  • उन्हें सन् २०११ में भारत सरकार ने भारत के चतुर्थ सर्वोच्च नागरीक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित।
  • इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह पागी के लिये उन्हें सन् 1979 में साहित्य अकादमी पुरस्कार (राजस्थानी) से सम्मानित किये गये।
  • उन्हें राजस्थानी साहित्य की सेवा करने और कविता “झुरावो” के लिए २००९ में मातृश्री कमल गोयनका राजस्थानी साहित्य सम्मान मिला।
  • उन्हें अपनी कृति ‘उदीक पुराण’ के लिए सूर्यमल मिश्रण शिखर पुरस्कार (2004-05) प्रदान किया गया था।
  • ‘बोलो माधवी’ रचना के लिए इन्हें मीरा सम्मान मिल चुका है।
  • ‘उडीक पुराण’ के लिए इन्हें 2004 का सूर्यमल्ल मीसण पुरस्कार मिल चुका है।
    इन्होंने सूर्यमल्ल मीसण के ‘वंश भास्कर’ का हिन्दी अनुवाद किया है। (यह ग्रंथ भारतीय भाषाओं में महाभारत के बाद सबसे बड़ा ग्रंथ है।)
  • 2009 में “झुरावों” रचना के लिए इन्हें कमल गोयनका पुरस्कार मिल चुका है।
  • 2013 में बिहारी पुरस्कार भी मिल चुका है। यह पुरस्कार इनकी राजस्थानी भाषा की कृति ‘हिरणा ! मौन साध वन चारणा’ के लिए मिला।

.

उनकी कुछ कविताएँ निम्न हैं:

  • पछतावा,
  • मृत्यु किसी को डराती नहीं,
  • मृत्यु से मत भागो, विपथगा,
  • ‘कावड़’,’
  • मान’,’
  • तोपनामा’,’  
  • ‘विपथगा’।
error: Content is protected !!