April 2, 2023

चारणकवि गोदड़जी मेहडू परिचय- डॉ. तीर्थकर रतुदानजी रोहड़िया

हमारे यहां केवल दो प्रकार के साहित्य देखने को मिलते हैं। भाषा साहित्य और धर्म साहित्य, लेकिन चारणी साहित्य एकमात्र साहित्य है जो ज्ञातिलक्षी साहित्य है। हिंदी साहित्य के इतिहास में मध्यकाल को चारण काल ​​के नाम से जाना जाता है। चारण जाति में नामी अनामी संतों, भक्तों, देवीयों और …

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कविराज दयालदास सिंढायच और उनकी रचनाएं गिरधरदान रतनू दासोड़ी

राजस्थान की साहित्यिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक चेतना और विकास में चारण जाति की महनीय भूमिका रही है, इस बात को इतिहास और संस्कृति के लिए निरन्तर परिश्रम करने वालों ने खुले मन से स्वीकारा है, उन्होंने यह बात भी स्वीकारी है कि राजस्थान के उज्जवल सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पक्ष को …

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स्वामी कृष्णानन्द सरस्वती

स्वामी कृष्णानन्द जी सरस्वती का जन्म सन् – 1900 ई. में कृष्ण जन्माष्टमी के दिन बीकानेर रियासत के गाँव दासौड़ी में हुआ। इनके पिता का नाम ठाकुर दौलत दान जी रतनू था। आपका जन्म रतनू शाखा में हुआ था। इनके जन्म का नाम देवीदान जी रतनू था। इनकी माता का …

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कविराज दुरसाजी आढ़ा

मारवाड़ राज्य के धुंधल गांव के एक सीरवी किसान के खेत में एक बालश्रमिक फसल में सिंचाई कर रहा था पर उस बालक से सिंचाई में प्रयुक्त हो रही रेत की कच्ची नाली टूटने से नाली के दोनों और फैला पानी रुक नहीं पाया तब किसान ने उस बाल श्रमिक …

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क्रांतिकारी अजीतसिंह गेलवा

क्रांतिकारी अजीतसिंह गेलवा परिचय⤵   नाम- अजीतसिंह गेलवा पिताजी का नाम- शाखा- गेलवा मिश्रण जन्म दिनाक- शाहिद दिनाक- गाँव- मेरोप  तहसील- सीमलवाड़ा जिला- डूंगरपुर राजस्थान

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क्रांतिकारी कुँवर प्रतापसिंह बारहठ

क्रांतिकारी कुँवर प्रतापसिंह बारहठ   More details -click here   परिचय⤵ नाम- कुँवर प्रतापसिंह बारहठ पिताजी का नाम- ठाकुर केशरीसिंहजी बारहठ माताजी- माणीक कुँवर जन्म दिनाक- 24 मई 1893  उदयपुर  शहिद दिनाक- 24 मई 1918 गाँव-देवखेडा  तहसील-शाहपुरा जिला-भीलवाडा

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टोडरमलजी चांचडा

टोडरमलजी चांचडा एक समय जब बाबर बहुत शक्तिशाली हो गया तब सभी राजा महाराजाओं ने महाराणा सांगा के साथ मिलकर बाबर से युद्ध करने की योजना बनाई और बयाना में आकर सभी राजा महाराजा एकत्र हो युद्ध किया, युद्ध बहुत ही भयंकर हुआ जिसमें बाबर के आगे सारी फौजें भाग …

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महाकवि ईशरदास जी बारहठ से समंधित सामान्य जानकारी

महाकवि ईशरदास जी बारहठ से समंधित सामान्य जानकारी महाकवि ईशरदास जी बारहठ से समंधित सामान्य जानकारी More details click here 01 – महंत ज्वालागिरीजी ने हिमालय जाकर अपने शरीर को बर्फ में गलाया था, उसी आत्मा ने संवत 1515 श्रावण शुक्ल बीज को प्रातः काल में राजस्थान के बाड़मेर जिले …

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सिद्ध पुरुष भीमा जी आशिया

सिद्ध पुरुष भीमा जी आशिया मालजी आशिया के प्राप्त गाँव को किसी कारणवश भाऊ चौधरी श्राप देकर चले गये थे ! इसी कारण वेरिशाल जी सशंकित थे की उनके कोई पुत्र उत्पन्न नहीं हो रहा हे ! इसलिए गाँव के दक्षिण में कुछ जमीन अपने भाइयो से मांग कर उस …

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कवी उम्मेदराम जी पालावत

कवी उम्मेदराम जी पालावत   एक बार अलवर के राव बख्तावरसिंहजी अपने साथ प्रवीण शिकारी लेकर जंगल में शिकार करने गए ! वहा उन्होंने एक सूअर को गोली मारी ,मगर वह घायल होकर भाग गया ! शिकारियों ने सूअर की बहुत तलाश की मगर उसका कोई पता नहीं चला ! …

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