March 29, 2023

दईयाणौ थलवट देश – कवि भंवरदान झणकली

दईयाणौ थलवट देश – कवि भंवरदान झणकली (वैल) 15/03/1968 मीनां समुंदर कूंगर मौरा हंसा सरवत हैत। केहर गिरवर कूप कबूतर जौधारा जुध खेत।। पदमणियां ना पिहर प्यारो जैरौ हिलो आवै हमेश। दईयाणौ मनां वालौ रे थलवट देश रलियाणौ मनां प्यारो रै मुड़धर देश।। उगमणी दिश शहर उदैपुर आथांणौ अमराण। नीकां …

दईयाणौ थलवट देश – कवि भंवरदान झणकली Read More

दारु रौ दूख – कवि भंवरदान झणकली

दारु रौ दूख – कवि भंवरदान झणकली ”साची सीख ग्रहण कर साथी दारुड़ौ धीक्कार रै” लागा पाप वाजीयौ लौफर,पहलौ परचौ पायौ। पैठ ऊड़ी पाड़ै मां पीछै,करजदार कहलायौ। घर मां घाल़ी क़लै कामणी, खाली हुवौ खवार् रै। साची सीख ग्रहण कर साथी, दारुड़ौ धीक्कार रै।।1।। दारु पीकर दानव् खुटा, असुर मुवा …

दारु रौ दूख – कवि भंवरदान झणकली Read More

श्री देमां दीपक – कवि भंवरदान झणकली

सुध बुध समपो सगती देमां करूँ अरदास परवाड़ा तोरा पढां पींगळ छंद प्रकाश।।1।। शरण लीधी फते सिंह जी माघण धर मंझार वळीयो मारण वाखरो चारण वर्ण चकार।।2।। चूंथ पातां धन चोरटे एक कियो ढिग आंण कलंक कमायो कपटी किणियन राखी कांण।।3।। चारणा रो अन्न मत चरे आंण दीनी उस्मान धन …

श्री देमां दीपक – कवि भंवरदान झणकली Read More

छंद रूप मुकुंद – कवि भंवरदान झणकली

छंद रूप मुकुंद – कवि भंवरदान झणकली घर हूत अणुत कपूतर पूत, भभूत लगाए भटकता है। गुरू धूत कै जूत करतूत सहै, अस्तूत मां भूत अटकता है।। अदभूत धँआङ माँ धुत रहै, अण कूंत अफीम गटकता है। अवधूत वणै मजबूत नशा, जमदूत की फांस लटकता है।।1।। घर बार तजे वर्ण …

छंद रूप मुकुंद – कवि भंवरदान झणकली Read More

बखत आय ग्यो खोटो – कवि भंवरदान झणकली

बखत आय ग्यो खोटो – कवि भंवरदान झणकली आजादी री घटा ऊमड़ी, बावळ दौट बजायो। खोपा खड़े बिछैरा खावे, औ पड़पंच उडायो।। कोट गढों रा झड़्या कूँगरा, पड़्यो विश्व परकोटो। पकड़ पौळ ढाढै परजीवी, बखत आय ग्यो खोटो।।१।। काळे धन री करामात सूं, होड लगी हद भारी। झूंपड़ियों री जगा …

बखत आय ग्यो खोटो – कवि भंवरदान झणकली Read More

गीत~गाँधीड़ो- रचना:~कविराज स्व.श्री भंवरदानजी बीठू(मधुकर) झणकली

गीत:~गाँधीड़ो रचना:~कविराज स्व.श्री भंवर दान जी बीठू(मधुकर)झणकली ~~~~~~~~~~~~~~~~ ऐवड़ छेवड़ छायी अभंग,ब्रिटिश घटा बिकराल। चीरतो डांफरचमकियो चोखो,कांगरेसी किरणाल ।। गोंधीडो़ कोंमण गारो,मोभिड़ो हिंद माता रो..।।टेर।।…01 मोहनी मंतर फूंकिया मोहन,बाजिया शंख बिशेष। पंडित मुल्ला पादरी पूरा,हमचे हुआ हेक…02 वाणीये सूता वीर जगोया आथड़ी भीड़ अजोड़। जावता जंथा देख जेलों मो कांपिया …

गीत~गाँधीड़ो- रचना:~कविराज स्व.श्री भंवरदानजी बीठू(मधुकर) झणकली Read More

हिन्दी की राम कहानी कवि स्व. श्री भंवरदानजी झणकली

हिन्दी की राम कहानी कवि स्व. श्री भंवर दान जी झणकली बीत गये दिन गोरो वाले अब आजादी आई है राणी बनकर राज करूगी हिन्दी मन हरसायी है नई दिल्ली को निकल पड़ी पर दिल्ली दूर दिखन्दी है हिन्दी को मिल गई हकिकत हिन्दुस्तान अहिन्दी है ……….||1|| सचिवालय का हाल …

हिन्दी की राम कहानी कवि स्व. श्री भंवरदानजी झणकली Read More

कवि भंवरदान बीठू (मधुकर) झणकली

जन्म दिनाक 08 मार्च 1935 माता, पिता व पत्नी का नाम  माता – श्रीमति जतनांदेवी, पिता – हेमदानजी बीठू, पत्नी – लहरादेवी. उपनाम मधुकर देवलोक गमन स्वर्गवास- 21 अक्टूबर 1977  पता गांव-पोस्ट- झणकली, तहसील-गडरारोड़ (बाड़मेर-राज.)  जीवन परिचय प्रकाशित पुस्तके डिंगल, पिंगल अर आधुनिक राजस्थानी गीत, छंद, कवितावां देश भक्ति नशा मुक्ति …

कवि भंवरदान बीठू (मधुकर) झणकली Read More

वीदग विभूति वर्णन: (चावा चारण चरित्र) – कविराज श्री भंवरदान जी बारहट (झणकली)

वीदग विभूति वर्णन: (चावा चारण चरित्र) – कविराज श्री भंवरदान जी बारहट (झणकली) Read More

महाराणा प्रताप रौ जस- कवि स्व श्री भंवरदान झणकल़ी

उतर दियौ उदीयाण दिन पलट्यौ पल़टी दूणी। पातल़ थंभ प्रमाण़ शैल गुफावा संचरीयौ। मिल़ीयौ मैध मला़र मुगला री लशकर माय। कलपै राज कुमार मैहला़ चालौ मावड़ी। महल रजै महाराण कन्दरावा डैरा किया। पौढण सैज पाखांण हिन्दुवां सुरज हालीया। उलटीया एहलूर म़ाझल़ गल़ती रात रा । पछटयौ पालर् पुर गाडरीया झुकीया …

महाराणा प्रताप रौ जस- कवि स्व श्री भंवरदान झणकल़ी Read More
error: Content is protected !!