Category: होली
आशूदान मेहड़ू जयपुर / कवित / त्योहार / होली
होली रो हुबाल
“होली रो हुबाल” नित होली रो भायां नोखो,फबतो फाग सुणावुं हुं । अटड़ पटड़ आ बातां अबखी,लाम्बी पोथी लावुं हुं । सुणज्यो सगला फाग फजीती, पट्टा झाटक मैं आवुं हुं । लड़थड़ मरझड़ पड़पड़ फड़फड़, गीत होली रा गावुं हुं । नित होली रो भायां…… बिखरे रंग उडे गुलालां,चंग धमीडा़ …