March 20, 2023

मरणो एकण बार

राजस्थान रै मध्यकालीन वीर मिनखां अर मनस्विनी महिलावां री बातां सुणां तो मन मोद, श्रद्धा अर संवेदनावां सूं सराबोर हुयां बिनां नीं रैय सकै। ऐड़ी ई एक कथा है कोडमदे अर सादै (शार्दूल) भाटी री। कोडमदे छापर-द्रोणपुर रै राणै माणकराव मोहिल री बेटी ही। ओ द्रोणपुर उवो इज है जिणनै पांडवां-कौरवां …

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वीर देवपाल़ देवल रो गीत सोहणो

5 मई 1948 नै जनम्या देवपालसिंह देवल, बासणी दधवाड़ियान (जिला पाली, राज.) रा भवानीदानजी देवल अर श्रीमती प्रकाशकंवर ऊजल़ (ऊजल़ां जिला जैसलमेर, राज. ) रा मोभी हा। देवकरणजी बारठ लिखै– आद कहावत चलती आवै, साची जिणनै करी सतेज। मामा जिणरा हुवै मारका, भूंडा क्यू नीपजै भाणेज? नाथूराम सिंहढायच नानो, दादो …

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वीर शहीद वासुदेव आशिया

Previous Next नाम वासुदेव चारण माता व पिता नाम वासुदान आशिया के पिता वाघदान आशिया एवं वीरवर की जननी मोहन कंवर जन्म दिनाक बाड़मेर जिले के बलाऊ गांव में 07 जून 1968 को हुआ शहीद दिनाक जम्मु कश्मीर में श्रीनगर की बटमालु सब्जी मण्डी क्षेत्र में 3 जनवरी 2000 को …

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भाव व भाषा का सुभग संगम: मेहाई महिमा

भगवती श्री करनीजी की मान्यता सर्व समाज में समादृत है। सुवाप गांव में वि.सं.1444 की आश्विन शुक्ला सप्तमी को किनिया मेहाजी दूसलोत के घर करनीजी का जन्म हुआ। चैनजी सांदू के शब्दों में- चवदासै संमत वरस चमाल़ै,सातम सुकर शुध आसोज।कारण सगत जनमिया करनी,चारण कुल़ बधारण चोज।।उदर जलम आढी धिन देवल,इल़ …

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अपभ्रंश साहित्य में वीररस रा व्हाला दाखला

आचार्य हेमचंद्र आपरी व्याकरण पोथी में अपभ्रंश रा मोकळा दूहा दाखलै सरूप दिया है। आं दूहाँ में वीर रस रा व्हाला दाखला पाठक नै बरबस बाँधण री खिमता राखै।आँ दूहाँ रो सबसूं उटीपो पख है -पत्नियां रो गरब। आपरै पतियां रै वीरत री कीरत रा कसीदा काढ़ती अै सहज गरबीली …

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अमर सहीद कुंवर प्रतापसिंह बारहठ- प्रहलादसिंह “झोरड़ा”

“अमर सहीद कुंवर प्रतापसिंह बारहठ” कै सोनलियै आखरां वीर रो मांडू विरद कहाणी में बो हँसतौ हँसतौ प्राण दिया  आजादी री अगवाणी में आभे में तारा ऊग रिया  रातङली पांव पसारे ही | महलां में सूते निज सुत रो  माँ माणक रूप निहारे ही | नैणां सूं नींद उचटगी ही  …

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प्रताप की बलिदान कहानी – मनुज देपावत (देशनोक)

दीप शिखा के परवाने की यह बलिदान कहानी है ! यह बात सभी ने जानी है ! अत्याचारी अन्यायी ने अन्याय किया भारत भू पर। डोली थी डगमग वसुंधरा, वह काँप उठा ऊपर अम्बर !! माता के बँधन कसे गए, झनझना उठी थी हथकड़ियाँ। बज उठी बेड़ियाँ पैरों की, लग …

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अभिनंदन के अभिनंदन में- गिरधरदान रतनू दासोड़ी

तर चंदन है धर वीर सबै, मंडिय गल्ल कीरत छंदन में। द्विजराम प्रताप शिवा घट में, भुज राम बसै हर नंदन में। निखरै भड़ आफत कंचन ज्यूं, उचरै कवि वीरत वंदन में। छवि भारत की लखि पाक लही, इक शेर इयै अभिनंदन में।। गल्ल कूड़ मनै धर वीरत की, दत्त …

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जुड़ै जवान जोरवान- गिरधरदान रतनू दासोड़ी

मा भारती की रक्षा में अहर्निश प्रण प्राण से समर्पित भारतीय सेना के तीनों अंगों अभय जवानों को समर्पित मेरी कुछ पंक्तियां- ।।दूहा।। बुआ वीर मग्ग व्योम, भोम लियां भुज भार। उचर ओम नित अहरनिस, जीत कोम जयकार।।   हर -हर नै रट हरसता, तण भट भिड़वा त्यार। उडिया वट …

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