मेहडू शाखा का परिचय
*मेहडू शाखा का परिचय* चारण-साहित्य का इतिहास बहुत ही प्राचीन है। चारण-कुलोत्पत्र लोकपूज्य देवियों की महिमा तथा सर्वाधिक काव्य-रचना के कारण इस जाति के अनेक पर्यायवाची शब्दों की व्युत्पत्ति में प्रतिष्ठा, पवित्रता एवं प्रवीणता का अर्थ लक्षित है। शक्ति के उपासक चारणों को प्रायः देवीपुत्र, गढ़वी, कविराज, ईहग, भांणव, …