कवित्त – कविया हिंगऴाजदान जी रचित
!! कवित्त !! कविया हिंगऴाजदान जी रचित !! कविया श्री हिंगऴाजदानजी भगवती के अनन्य उपासक थे, माँ उनकी हर पुकार पर आधे हैलै हाजर होती थी, उस समय की परिस्थितियों मे रिजक रोजगार पर, राज की जबरन जब्ती की कार्रवाईयों मे अधिकतर जगहों के समाज सज्जनों के हित की कानूनी …