March 25, 2023

हरिरस

हरिरस ईसरदासजी राजस्थान में भक्ति परक काव्य गर्न्थो में ईसरदास प्रणीत ,,हरिरस,, परब्रह्म परमात्मा की भक्ति तथा उपासना का सरल, सरस् एवं सर्वोत्कृष्ट ग्रन्थ है। इसकी महत्ता इसी तथ्य से प्रमाणित हो जाती है कि राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश में सैकड़ों लोगों को यह ग्रन्थ कंठस्थ है, तथा लाखों लोग इसका …

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महाकवि ईशरदास जी बारहठ से समंधित सामान्य जानकारी

महाकवि ईशरदास जी बारहठ से समंधित सामान्य जानकारी महाकवि ईशरदास जी बारहठ से समंधित सामान्य जानकारी More details click here 01 – महंत ज्वालागिरीजी ने हिमालय जाकर अपने शरीर को बर्फ में गलाया था, उसी आत्मा ने संवत 1515 श्रावण शुक्ल बीज को प्रातः काल में राजस्थान के बाड़मेर जिले …

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भक्त कवि ईशरदास

संवत पन्नर पनरमें, जनम्या ईशर दास चारण वरण चकोर में, उण दिन भयो उजास।। सर भुव सर शशि बीज भ्रगु, श्रावण सित पख वार। समय प्रात सूरा घरे ईशर भो अवतार।।   भक्त कवि ईसरदास की मान्यता राजस्थान एवं गुजरात में एक महान संत के रूप में रही है | …

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ईसरा परमेसरा अवतरण

ईसरा परमेसरा अवतरण प्राचीन काल से गिरिनामा संन्यासी, नाथ योगी और अनेक श्रद्धालु हिंगलाजधाम की दुर्गम यात्रा करते आये हे ! इस पावन यात्रा को माई-स्पर्श करना कहते हे ! एक बार गिरिनामा सन्यासियों की एक जमात माई-स्पर्श करने को मारवाड़ से सिंध प्रदेश की और बढ़ रही थी ! …

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सिध्द सन्त महात्मा ईसरदासजी – राजेन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

अमरेली के बजाजी सरवैया के कुंवर करणजी सरवैया की सर्पदंश से हुई असामयिक मौत पर उनके घर से अर्थी उठाकर शमशान भूमि यात्रा पर जाते समय सामने से रास्ते में आते हुये महात्मा ईसरदासजी जो कि कुंवर करण के विवाह समारोह में शामिल-शरीक होने हेतु ही आ रहे थे, यह …

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