Category: भेरूजी
भैरवाष्टक – डॉ. शक्तिदान कविया
सोरठाभैरु भुरजालाह, दिगपाला बड दैव तूं।रहजै रखवालाह, नाकोडा वाला निकट।। छंद त्रिभंगीनाकोडा वाला, थान निराला, भाखर माला बिच भाला।कर रुप कराला, गोरा काला, तु मुदराला चिरताला।ध्रुव दीठ धजाला, ओप उजाला, रूपाला आवास रमा।भैरु भुरजाला, वीर वडाला, खैतर पाला दैव खमा।जी खेतर पाला घणी खमा…।।1।। मैला वड मांचै, रामंत रांचै, डूंगर …
भैरूंनाथ रा छप्पय – जवाहरदान जी रतनूं
जवाहरदान जी रतनूं, थूंसड़ा रा प्राचीन समय रा चारण साहित रा सिरजणहार साधक हा। रतनूं साहब री भगवती री चिरजा/रचनांवां री अजब अनूठी अलंकारिक व भावपक्ष री न्यारी निराऴी हटोटी ही। रतनूं साहब री चिरजांवा रो ऐक बड़ै संग्रह रो प्रकासन “श्रीजगदम्ब-सुयश” नाम री किताब रौ आज सूं लगभग सौ …
सोहागी खेतरपाळ रो गीत ~ मीठा मीर डभाल
सोहागी खेतरपाळ रो गीत कर विनय अरदास कहवूं, सगत लीजो सार। गुण खेतल तणा गावूं, उकत द्यो अणवार। तो औधार जी औधार, अम्बा आपरो औधार।।1।। शिव रो गण आप साचो, भज्यां होवे भीर। हेलो सुण हाजिर होवत, वडो खेतल वीर।। तो वडवीर जी वडवीर, वसुधा सिरेह वडवीर।।2।। साथ सगती तणें सोहे, …