जांभा सुजस – कवि भंवरदान माडवा “मधुकर”
।।दोहा।।अवनी जीव ऊद्धारणा, संत सुधारणा शम्भ।विश नव जात वधारणा, जय जोगेश्वर जम्भ।। ।।छंद – त्रिभँगी।।जन मन जयकारा, धन तन धारा, अवन उचारा अवतारा।पिंपासर प्यारा, दीन दुलारा, पुन प्रजारा, परमारा।तपस्या तन तारा, भव पर भारा, भल भंयकारा भूप भया।परगट परमेश्वर, जय जांभेशवर, निज अवधेश्वर रूप नया।। नव विसी न्याती, धर्म धराती, …