March 25, 2023

अमर शहीद प्रताप सिंह बारहठ पर रचित एक कविता….(रोवै तो रोवै भला तोडूं कोनी रीत, जननी सूं ज्यादा मनैं जन्म भौम सूं प्रीत=

अमर शहीद प्रताप सिंह बारहठ पर रचित एक कविता….   अमर वाक्य : रोवै तो रोवै भला तोडूं कोनी  रीत जननी सूं ज्यादा मनैं जन्म भौम सूं प्रीत चल रहा था जख्म और दर्द का ये सिलसिला  छातीयों में था उफनता एक भयंकर जलजला। कब तलक मांओं का क्रंदन नाद सुनते …

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