April 2, 2023

ठग्गां रो मिटसी ठगवाड़ो

गीत-जांगड़ो सरपंची रो मेल़ो सजियो, भाव देखवै भोपा। धूतां धजा जात री धारी, खैरूं होसी खोपा।।1 दूजां नै दाणो नीं दैणो, एक समरथन आपै। वित लूटण मनसोबा बांधै, जनहित झूठा जापै।।2 पड़ियां अड़ी दांत ना पूंछै, खोद्यां राखै खाडा। चारजनम रो वैर चितारै, आय ऊभै झट आडा।।3 पद पायां बहिया …

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सरपंची सौरी कोनी है

घर में बड़तां ई घरवाळी, बर-बर आ बात बतावै है। जो दिन भर सागै हांडै है, बै रात्यूँ घात रचावै है। वो बाबै वाळो बालूड़ो, अबकाळै आँटो चालै है। सरपँच बणबा नैं साच्याणी, सोहन रै सड़फां चालै है। म्हैं काल सुणी ही कानूड़ी, काकी काकै नै कैती ही। ‘आ जमना-जेठाणी …

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