April 2, 2023

वीरां माऊ वंदना

सिरुवै जैसल़मेर रा रतनू हरपाल़जी समरथदानजी रा आपरी बखत रा स्वाभिमानी अर साहसी पुरस हा। इणां री शादी रतनुवां रा बही-राव, रावजी पूनमदान नरसिंहदानजी बिराई रै मुजब गांम सींथल़ रा बीठू किशोरजी डूंगरदानजी रां री बेटी वीरां बाई रै साथै हुई। जद जैसलमेर रा तत्कालीन महारावल़ जसवंतसिहजी(1759-1764वि) अर भाटी तेजमालजी …

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पछै म्हारो बेटो होवण री ओल़ख क्यूं नीं दी!!

ढांढणियै रा लाल़स रामचंद्रजी उन्नीसवें सईकै रा नामचीन कवि। उणांरी घणी रचनावां चावी। जोगी जरणानाथजी रा छंद बेजोड़- जोगी जग जरणा करुणा करणा, इल़ नहीं मरणा अवतरणा!! इणां री काव्य प्रतिभा अर वाक शक्ति सूं रीझ र नगर रावतजी – भेडाणा अर आंबल़ियाल़ी नामक दो गांम तो आकली अर अरणियाल़ी …

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बैश कीमती बोट – कवि मोहनसिंह रतनू (चौपासनी)

आगामी दिनो मे पंचायत चुनाव होने जा रहे हैं, मतदान किसको करना हे इसके लिए कवि ने एक गाइडलाइन बनाई है। शांत सम्यक भाव से सही निष्पक्ष स्वंतत्र होकर मतदान करें। दिल मे चिंता देश री,मनमे हिंद मठोठ।भारत री सोचे भली,बी ने दीजो बोट।। कुटलाई जी मे करै,खल जिण रे …

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सदा रंग समियांण

गढ सिंवाणा नै समर्पित- इल़ भिड़ करबा ऊजल़ी, चढिया रण चहुंवांण। बिण सातल रो बैठणो, सदा रंग समियांण।।1 खिलजी रो मद खंडियो, सज मँडियो समियांण। कट पड़ियो हुयनै कुटक, चढ कटकां चहुंवाण।।2 सातल साहस सधरपण, अडर दल़्या अरियांण। कर जसनांमो कोम रो, बैठ्यो अछर विमांण।।3 धर मंडी मंडियो धरम, कर …

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बीसहथ रा सौरठा – रामनाथ जी कविया

उभी कूंत उलाळ, भूखी तूं भैसा भखण। पग सातवै पताळ, ब्रहमंड माथौ बीसहथ।।१ सौ भैसा हुड़ लाख, हेकण छाक अरोगियां। पेट तणा तोई पाख, वाखां लागा बीसहथ।।२ थरहर अंबर थाय, धरहरती धूजै धरा, पहरंता तव पाय, वागा नेवर बीसहथ।।३ पग डूलै दिगपाळ, हाल फाळ भूलै हसत। पीड़ै नाग पताळ, बाघ …

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भरिया सो छल़कै नहीं

प्रथम पुण्यतिथि पर सश्रद्ध नमन। राजस्थानी साहित्य, संस्कृति और चारण – राजपूत पारंपरिक संबंधों के मजबूत स्तंभ परम श्रद्धेय राजर्षि उम्मेदसिंह जी ‘ऊम’ धोल़ी ने आज ही के दिन इहलोक से महाप्रयाण किया था। उनकी स्मृति मानसपटल पर सदैव अंकित रहेगी क्योंकिआपके स्वर्गारोहण से उस एक युग का अवसान हो …

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एतबार रखिए अवस – डॉ. गजादान चारण ‘शक्तिसुत’

एतबार रखिए अवस, इस बिन सब अंधार। रिसते रिश्तों के लिए, अटल यही आधार।। एतबार पे ही टिके, घर-परिवार-संसार। एतबार से ही बहे, रिश्तों की रसधार।। प्रीति परस्पर है वहीं, उर-पुर जंह पतियार। प्रीत अगर परतीति बिन, केवल मिथ्याचार।। मन की तनक न मानिए, मन नाहक मरवाय। मन के शक …

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भैरवाष्टक – डॉ. शक्तिदान कविया

सोरठाभैरु भुरजालाह, दिगपाला बड दैव तूं।रहजै रखवालाह, नाकोडा वाला निकट।। छंद त्रिभंगीनाकोडा वाला, थान निराला, भाखर माला बिच भाला।कर रुप कराला, गोरा काला, तु मुदराला चिरताला।ध्रुव दीठ धजाला, ओप उजाला, रूपाला आवास रमा।भैरु भुरजाला, वीर वडाला, खैतर पाला दैव खमा।जी खेतर पाला घणी खमा…।।1।। मैला वड मांचै, रामंत रांचै, डूंगर …

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सखी! अमीणो सायबो

सखी अमीणो सायबो घर आंगण मांहे घणा, त्रासे पडिया ताव। जुध आंगण सोहे जिके, बालम बास बसाव।। वीर स्त्री कहती है संकट की घडी मे भयभीत होने वाले तो प्रत्येक घर मे मिल जायेगे परन्तु सूरमाओ का पडोस तो सौभाग्य से प्राप्त होता है। सखी अमीणो सायबो, सुणै नगारा ध्रीह। …

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