March 31, 2023

वीरां माऊ वंदना

सिरुवै जैसल़मेर रा रतनू हरपाल़जी समरथदानजी रा आपरी बखत रा स्वाभिमानी अर साहसी पुरस हा। इणां री शादी रतनुवां रा बही-राव, रावजी पूनमदान नरसिंहदानजी बिराई रै मुजब गांम सींथल़ रा बीठू किशोरजी डूंगरदानजी रां री बेटी वीरां बाई रै साथै हुई। जद जैसलमेर रा तत्कालीन महारावल़ जसवंतसिहजी(1759-1764वि) अर भाटी तेजमालजी …

वीरां माऊ वंदना Read More

आवड़ाष्टक

।।दूहा।। विमल़ बिछायत बेकल़ू, थल़ पर थांनग थाप। मनरँगथल़ माजी मुदै, इल़ इण राजो आप।। चाल़़क मार्यो चंडका, किया खंडका काट। मनरँगथल नू मंडका, दैत दंडका दाट।। चाल़कनेची तो चवां, अनड़ेची फिर आख। महि माड़ेची मावड़ी, डूंगरेची जग दाख।। भादरिये धर भाखरां, सरां देग सुरराय। अरां विखंडण आजदिन, गिरां तुंही …

आवड़ाष्टक Read More

कवि मधुकर छंद रोमकंद निजर

कवि मधुकर छंद रोमकंद निजर सिंढायच चन्दू सती, वर्ण हन्दू रख वात। शरणो दे ऊदल सदू, अवन बंदु अखियात।1 अखियात सुगात प्रभात उचारत, मात चन्दू वर्ण जात मही। तव आणद मात सुतात तो ऊदल, लै पक्ष भ्रात सुपात लही। माड़वै प्रख्यात सती जग मानत, गात गली देव पात गती। विखमी …

कवि मधुकर छंद रोमकंद निजर Read More

दशावतार- रचना- राजेन्द्रदान (कवि राजन)

कच्छप मच्छय वराह काय वामन नरसिंह वेश। किरशण राम बुद्धम कल्कि परसु राम बण पेश।।,,,,,,,1 ईशर धरया अवतार पृथ्वी मिटावण पाप। आतंक रूपी असुर नों आवों मारण आप।।,,,,,2 जन जन बिलखे जोर सूं तलफ पुकारण तोय धर अवतार धरणी पर संकट निवारण सोय।।,,,,,,3 छंद रोमकन्द भव तारण कारण आप पधारण …

दशावतार- रचना- राजेन्द्रदान (कवि राजन) Read More

छँद देवलजी माँ – कविराज जूझारदान दैथा ‘मीठड़िया’

।।दूहा।। अवरळ वॉणी उर वसौ मात चण्डी मँहमाय । आखों दैवळ औपमा रूप गिरॉ सुरराय ।।१।। छँद रौमकँद सुरराय सदा अघ मेटण सॉप्रत पाय नमौ पह रीत पणॉ । रवराय देवी दुरगा वड राजत धाय दियायत खाय घणॉ ।। सैवकॉ पर साय उपाय साधारण जौत धुबाय तुँ आय जिनूं । …

छँद देवलजी माँ – कविराज जूझारदान दैथा ‘मीठड़िया’ Read More
error: Content is protected !!