March 25, 2023

श्री देमां दीपक – कवि भंवरदान झणकली

सुध बुध समपो सगती देमां करूँ अरदास परवाड़ा तोरा पढां पींगळ छंद प्रकाश।।1।। शरण लीधी फते सिंह जी माघण धर मंझार वळीयो मारण वाखरो चारण वर्ण चकार।।2।। चूंथ पातां धन चोरटे एक कियो ढिग आंण कलंक कमायो कपटी किणियन राखी कांण।।3।। चारणा रो अन्न मत चरे आंण दीनी उस्मान धन …

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छंद रूप मुकुंद – कवि भंवरदान झणकली

छंद रूप मुकुंद – कवि भंवरदान झणकली घर हूत अणुत कपूतर पूत, भभूत लगाए भटकता है। गुरू धूत कै जूत करतूत सहै, अस्तूत मां भूत अटकता है।। अदभूत धँआङ माँ धुत रहै, अण कूंत अफीम गटकता है। अवधूत वणै मजबूत नशा, जमदूत की फांस लटकता है।।1।। घर बार तजे वर्ण …

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