श्री राधव रासो ~ कवि भंवरदान झणकली
श्री राधव रासो ~ कवि भंवरदान झणकली भंवर राम भज मन भरीदे वीगती वन दाम। जुग मा जित रे जीवणो कर ले सुकरत काम।।१॥ वंदन करां हंस वाहणी,उकत जथा उर आण। राधव राशो राचवां, डींगल चन्दा जाण॥२॥ प्रोळ रखा परमेसरा, जीत विजे जग जाण। श्राप पायो सनकाद सूं , ईला …