March 21, 2023

चिरजा- बिड़द रख बीसहथी वरदाई – डॉ गजादान चारण शक्तिसुत

बिड़द रख बीसहथी वरदाई, सेवग दुख हर लीजे सुरराई। खल को खंडन कर खलखंडनि, मेछां उधम मचाई। संतन के मन गहरो सांसो, पुनि-पुनि-पुनि पछताई।।1।। खल संग निर्मल होय सफल कब, अंत मिलत अफलाई। दुष्ट दलन कर हे दाढाळी, एक आसरो आई।।2।। निम्-निम नाड़ राखतां नीची, लुळ-लुळ धोक लगाई। तिम-तिम अहम …

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श्री करणी मां री चिरजा- राजेन्द्र दान विठू (कवि राजन) झणकली

श्री करणी मां री चिरजा   रचना- राजेन्द्रदान विठू (कवि राजन ) झणकली मंदर थारो मोटो है माई देशांणो हर इक को दाई।। वेल ऊंची धजा असमान फरुके नभ मो है निरखाई देख देख सब दुरमत भाजे धजबन्द को नित ध्याई मंदर थारो मोटो है माई देशांणो हर इक को …

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“चरज” आयलमां आवने वेली रे – कवि भरतदान

आयलमां आवने वेली रे, बाळकनी तुज छो बेली रे आयल मां आवने वेली रे…२ युद्धमां सैनिक खेले होळी, लागे नइं एने गोळी दुश्मनना माथडा माडी नांखने त्रोडी रे… आयल मां आवने वेली रे… त्रसवादी त्रास दिये तोप फोडी,मारे मानवने अंग मरोडी बनीजा चंडी चामुंडा नांख चीमोडी रे… आयलमां आवने वेली …

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प्रसिध्द ऐतिहासिक चिरजा – रचयिताः- जागावत हिंगऴाजदान जी

!! प्रसिध्द ऐतिहासिक चिरजा !! !! रचयिताः- जागावत हिंगऴाजदान जी !! संदर्भः- बीकानेर के पाँचवे शासक राव जैतसी और मुगल बादशाह हुमायूं के छोटे भाई कांमरानके बीच हुये युध्द जिस मे विजयश्रीका वरण माँभगवतीकरनीजी की कृपा प्रसादसे जैतसी का हुआ था !! बीकानेर की इस ऐतिहासिक घटना पर अनेक कवियों …

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चिरज-रणजीत सिंह चारण रणदेव

” चिरज “   माँ क्रूपा करो मेहाई मायड, देशाणे काबा वारी . हैं काबावाली डोकरी,, आवड करनल अवतारी | क्रूपा करो माँ……… टेर   हैं देशनोक करणी किनियाणी, आफत आय उबारों , चारण कुल वंशी अवतारी,, दाता झंझट टारों। बारम्बार विनती करूँ दाता, शरणा सदा म्हनें राखों। माँ क्रुपों …

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माँ करणी जी री चिरजा- रणजीत सिंह चारण, “रणदेव”

माँ करणी जी री चिरजा । ओजी, करनल जी, सुणों जी मैया मोरी बातडली। ओजी बुलावोंनी मानें द्वार,,मैया मोरी लाढडली।। देखण थारी सुरत मैया, नैना रा टीम-टीम चमकै। आंख्या उबलैं आशा तरसै,,मैया मन गणों भडकै।। ओजी बुलाईलों नी द्वार ,देशाणै गढ बीकडली,, ओजी करनल जी……. 1   केवे मारों मन …

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आई चम्पा माँ री चिरजा रणदेव चारण कृत

आई चम्पा माँ री चिरजा रणदेव चारण कृत दोहा पूजू पहला गणपती, दूज शारदा माय। किरथ चम्पा मात कथूं,,किरपा करों कृपाय।। चम्पा लायी चाँदणों, मया धनु रै माय। संवत उनीसौ पिचतर,,पारकर धरैं पाय।। चिरजा आई चम्पा आपरी किरपा म्हारैं आयों काज सरै।* काज सरै,ओजी कष्ट हरै,देवी मानें सरताज धरै।।* श्रावण …

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चम्पा माँ री चिरजा-रचयिता – अजयसिंह राठौड़ सिकरोड़ी

चम्पा माँ री चिरजा दोहा प्रथम वन्दन आवड़ा,मोटा करनल माव। अजय सिंवरै आपनै,चम्पा माँ कर चाव।। चिरजा हो म्हारौ बेड़ो पार लगादे म्हारी माय। म्हारी मावड़ी हो म्हारी माय।।स्थाई।। आई चम्पा आपनै, सिंवरु बारम्बार। दरसण दीजै मावड़ी, कानां पड़त पुकार।।1।। हो म्हारौ बेड़ो पार लगादे म्हारी माय। म्हारी मावड़ी हो …

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चिरजा – मोहनसिंह रतनू

।। चिरजा ।। मनवा मात सुमर जग मोंही थारो अवसर जाय अकाजा….टेर दिल सुध सू आवे दुखियारी,देसनोक दरवाजा । रोग दोस हर मात रूखाले,तन कर देवे ताजा ।। मनवा….१ ढोल नगारा झालर ढोलक,बाजे नोबत बाजा । चिरजा छंद सुणावे चारण,भक्तन के हिय भाजा ।। मनवा….२ खडतो ऊंट आखडतो खाती,आरत करी …

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चिरजा माँ चम्पा आई री – रणजीत सिंह चांचडा “रणदेव”

दोहा पूजू पहला गणपती, दूज शारदा माय। किरथ चम्पा मात कथूं,, किरपा करों कृपाल।। चम्पा लायी चाँदणों, मया धनु रै माय। संवत उनीसौ पिचतर,,पारकर धरैं पाय।। चिरजा आई चम्पा आपरी किरपा म्हारैं आयों काज सरै। काज सरै,ओजी कष्ट हरै,देवी मानें सरताज धरै।। श्रावण माह शुक्ल पक्ष माही, एकादशी ने दातार, …

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