March 20, 2023

चारणा री मरजाद – कवि भंवरदान झणकली

चारणा री मरजाद – कवि भंवरदान झणकली देव कुळ मों जन्म देती, जीभड़ी अमरत जड़ी। उण जिभ्या पर आज आखर लाख गाळ्या ले थड़ी। ऐ रही मरजाद अब तो माघणा घर मावड़ी।।1।। तणक पडतां वरत तूटी जुग वदन बम्बी जुड़ी। तोड़ सगपण आज ताकव घाव बेचे धीवड़ी। ऐ रही मरजाद …

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चारण खेड़ा – कवि भंवरदान झणकली

चारण खेड़ा – कवि भंवरदान झणकली महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता। सरग कैलाश वैकुण्ठ नी मांगू, मुगती रो नही शोक। लाज मरजाद बोल अमोलख जेथ बसे कवलोक।। महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।1।। मोटो सासण झणकली माड़़ी, गढ़वाड़ा सिर मोड़। शीला देमा सतिया शोभे, जगतम्बा …

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काल कवि – डॉ. रेवंत दान बारहठ

काल कवि समय के महासमर में मैंने शाश्वत शब्दघोष किया है शब्द मेरे शस्त्र रहे हैं शब्द शक्तियां आत्मसंयम रही हैं मैं सनातन साक्षी हूं असंख्य सभ्यताओं संस्कृतियों की श्रृंखलाओं शक्तिशाली सत्ताओं का, मैं साक्षात हुआ हूं अनेकानेक सूरवीरों स्वयंभू शासकों दानवीरों, प्रणवीरों और विद्या के विविध वाग्वीरों से आक्रांताओं …

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चारण – डॉ. रेवंत दान बारहठ

सृष्टि रचयिता ने स्वर्ग के लिए जब पहली बार रचे थे पांच देव – देवता, विद्याधर, यक्ष, चारण और गंधर्व तभी इहलोक पर रचा था केवल एक नश्वर मनुष्य मगर मनुष्य ने खुद को बांट दिया था क्षत्रिय, बामण, वैश्य और शूद्र में कहते हैं कि राजा पृथु ने स्वर्ग …

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ये चारण किसमें आते है – भवानीसिंह कविया नोख

ये चारण किसमें आते है मेरे मित्र ने मुभसे पूछी बात। किसमें आती है चारण जात। वर्ण व्यवस्था में वर्ण चार है। सनातन धर्म का यही सार है। वेद पुराण भी यहीं गाते है। पर ये चारण किसमें आते है।। मैंने पहली बार विचार किया। अोर उतर भी पहली बार …

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