दईयाणौ थलवट देश – कवि भंवरदान झणकली
दईयाणौ थलवट देश – कवि भंवरदान झणकली (वैल) 15/03/1968 मीनां समुंदर कूंगर मौरा हंसा सरवत हैत। केहर गिरवर कूप कबूतर जौधारा जुध खेत।। पदमणियां ना पिहर प्यारो जैरौ हिलो आवै हमेश। दईयाणौ मनां वालौ रे थलवट देश रलियाणौ मनां प्यारो रै मुड़धर देश।। उगमणी दिश शहर उदैपुर आथांणौ अमराण। नीकां …