चारणकवि गोदड़जी मेहडू परिचय- डॉ. तीर्थकर रतुदानजी रोहड़िया
हमारे यहां केवल दो प्रकार के साहित्य देखने को मिलते हैं। भाषा साहित्य और धर्म साहित्य, लेकिन चारणी साहित्य एकमात्र साहित्य है जो ज्ञातिलक्षी साहित्य है। हिंदी साहित्य के इतिहास में मध्यकाल को चारण काल के नाम से जाना जाता है। चारण जाति में नामी अनामी संतों, भक्तों, देवीयों और …