रांगड़ रँग रै तो रघुवीर!!
गीत वेलियो किण सू हुई नह हुवै ना किणसूं, हिवविध राम तिहारी होड! कीधा काम अनोखा कितरा, छिति पर गरब उरां सूं छोड!!1 बाल़पणै दाणव दल़ वन में, रखिया कुशल़ सकल़ रिखिराज। कातर नरां अभै भल कीधा, सधरै धनुस करां में साज।।2 भंजियो धनख भूतेसर वाल़ो, उर धर गुरवर तण …