सोढा संग्राम सा रो जस शतक – वीरेंद्र लखावत कृत
सोढा संग्राम सा रो जस शतक वीरेंद्र लखावत कृत सदगुण रो साखी सबल,राखी रीत तमाम। वद वद भाखी विद्वता,सोढा तूं संग्राम।।1।। संग्रामो सचियाय नै,ध्याय धुकावै धूण। पाय रह्यो परमार्थ इम,दाय करे जन दूण।।2।। रँग सोढा संग्राम रँग,जंग जुड़ीं धर जाण। ढंग तिहारा ढाळिया,संग धरती सोढाण।।3।। पुरसारथ रा पारखी,खोजे गुण री …