आ बतलाऊँ क्यों गाता हूँ ? – कवि मनुज देपावत (देशनोक)
आ बतलाऊँ क्यों गाता हूँ ? नभ में घिरती मेघ-मालिका, पनघट-पथ पर विरह गीत जब गाती कोई कृषक बालिका ! तब मैं भी अपने भावों के पिंजर खोल उड़ाता हूँ ! आ बतलाऊँ क्यों गाता हूँ ? जब सावन की रिमझिम बूँदें, आती है हरिताभ धरा पर, गिरती है पलकों …