March 21, 2023

लाख़ा जमर रौ जस (आउवा पाली) – कवि भंवरदान झणकली

लाख़ा जमर रौ जस (आउवा पाली) – कवि भंवरदान झणकली “सौल़ह सौ संवत रै बरस तियाल़िसै बीच़। ला़ख़ा ज़मर ज़ालीय़ा सतीया श्रोणित स़ीन्च” “धीरज तज जौध़ाण पत कौफ कीयौ कमधैश। मुरधर छौड़ौ माघ़णा दियौ निकाल़ौ दैश” किरनाल़ कुल़ रौ कलंक राजा,कंश बनकर कौफीयौ। निकलंक गढ़ जौधाण़ रौ नव कुंगरौ नीचौ …

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हा हा बौल कबूतर बौल खौटा रा पड़दा खौल – कवि भंवरदान झणकली

हा हा बौल कबूतर बौल खौटा रा पड़दा खौल – कवि भंवरदान झणकली नैक पंखी कल़ जुग रा नारद भाग भरयौ तू भाई। दैश हिन्द मा काईक दिठौ बतलादै कोक बधाई।। हैकातां कर कोई हथाई चौखी गप शप चौल़। हा बौल कबूतर बौल खौटा रा पड़दा खौल।।1।। मै तौ रमता …

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चारणा री मरजाद – कवि भंवरदान झणकली

चारणा री मरजाद – कवि भंवरदान झणकली देव कुळ मों जन्म देती, जीभड़ी अमरत जड़ी। उण जिभ्या पर आज आखर लाख गाळ्या ले थड़ी। ऐ रही मरजाद अब तो माघणा घर मावड़ी।।1।। तणक पडतां वरत तूटी जुग वदन बम्बी जुड़ी। तोड़ सगपण आज ताकव घाव बेचे धीवड़ी। ऐ रही मरजाद …

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चारण खेड़ा – कवि भंवरदान झणकली

चारण खेड़ा – कवि भंवरदान झणकली महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता। सरग कैलाश वैकुण्ठ नी मांगू, मुगती रो नही शोक। लाज मरजाद बोल अमोलख जेथ बसे कवलोक।। महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।1।। मोटो सासण झणकली माड़़ी, गढ़वाड़ा सिर मोड़। शीला देमा सतिया शोभे, जगतम्बा …

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देवी हेलो दे ~ कवि भंवरदान झणकली

देवी हेलो दे ~ कवि भंवरदान झणकली पग पग थान अथग परवाड़ा, सब जग सुजस सुणावै हो। आद भवानी मात आवड़ा, अवलु थारी आवै हो। दैवी हैलो दै माँ आवड़ हेलो दे।।1।। वेद विधाता शेंष सुरसती, गणपत किरत गावै हो। भुचर खेचर बावन भेरू, थारो हुकम वजावै हो। दैवी हैलो …

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पटवारी री पुकार – कवि भंवरदान झणकली

पटवारी री पुकार – कवि भंवरदान झणकली चऊदे बरस पढ़ाई चाली खर्ची रकम करारी। वाभोसा प्रसादी बांटे पूत बणयो पटवारी। पहली ठकराहत पटवारी बाजे दूजी थानेदारी। कोण सुने पटवारी थारी नोकरड़ी सरकारी रे।।1।। देकर ट्रेनिंग कयो हल्का माँ जाइन करो ड्यूटी जाके। तीजे दिन तेहसीलदार सा इंस्पेक्स्न करसी आके। पैदल …

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दईयाणौ थलवट देश – कवि भंवरदान झणकली

दईयाणौ थलवट देश – कवि भंवरदान झणकली (वैल) 15/03/1968 मीनां समुंदर कूंगर मौरा हंसा सरवत हैत। केहर गिरवर कूप कबूतर जौधारा जुध खेत।। पदमणियां ना पिहर प्यारो जैरौ हिलो आवै हमेश। दईयाणौ मनां वालौ रे थलवट देश रलियाणौ मनां प्यारो रै मुड़धर देश।। उगमणी दिश शहर उदैपुर आथांणौ अमराण। नीकां …

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दारु रौ दूख – कवि भंवरदान झणकली

दारु रौ दूख – कवि भंवरदान झणकली ”साची सीख ग्रहण कर साथी दारुड़ौ धीक्कार रै” लागा पाप वाजीयौ लौफर,पहलौ परचौ पायौ। पैठ ऊड़ी पाड़ै मां पीछै,करजदार कहलायौ। घर मां घाल़ी क़लै कामणी, खाली हुवौ खवार् रै। साची सीख ग्रहण कर साथी, दारुड़ौ धीक्कार रै।।1।। दारु पीकर दानव् खुटा, असुर मुवा …

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छंद रूप मुकुंद – कवि भंवरदान झणकली

छंद रूप मुकुंद – कवि भंवरदान झणकली घर हूत अणुत कपूतर पूत, भभूत लगाए भटकता है। गुरू धूत कै जूत करतूत सहै, अस्तूत मां भूत अटकता है।। अदभूत धँआङ माँ धुत रहै, अण कूंत अफीम गटकता है। अवधूत वणै मजबूत नशा, जमदूत की फांस लटकता है।।1।। घर बार तजे वर्ण …

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बखत आय ग्यो खोटो – कवि भंवरदान झणकली

बखत आय ग्यो खोटो – कवि भंवरदान झणकली आजादी री घटा ऊमड़ी, बावळ दौट बजायो। खोपा खड़े बिछैरा खावे, औ पड़पंच उडायो।। कोट गढों रा झड़्या कूँगरा, पड़्यो विश्व परकोटो। पकड़ पौळ ढाढै परजीवी, बखत आय ग्यो खोटो।।१।। काळे धन री करामात सूं, होड लगी हद भारी। झूंपड़ियों री जगा …

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