March 25, 2023

“चरज” आयलमां आवने वेली रे – कवि भरतदान

आयलमां आवने वेली रे, बाळकनी तुज छो बेली रे आयल मां आवने वेली रे…२ युद्धमां सैनिक खेले होळी, लागे नइं एने गोळी दुश्मनना माथडा माडी नांखने त्रोडी रे… आयल मां आवने वेली रे… त्रसवादी त्रास दिये तोप फोडी,मारे मानवने अंग मरोडी बनीजा चंडी चामुंडा नांख चीमोडी रे… आयलमां आवने वेली …

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