श्री चैलक राय रो छंद- रचना- राजेन्द्रदांन विठू (कवि राजन) झणकली
श्री चैलक राय रो छंद- रचना–राजेन्द्र दांन विठू (कवि राजन) झणकली चैलक रायां चारणी है तूँ ही हिंगलाज। समरयो लीजो सारणी कवि राजन हर काज।। उठत बेठतो आवड़ा चालतो मग चितार। टाळण घातन तावड़ा विशहथी को विचार।। छंद नाराच समत आठ सोय आठ आप मात आविया चैत्र सुदात नवम आत …