March 31, 2023

सुणजै सुरराय अमीणी साहल़

गीत – जांगड़ो सुणजै सुरराय अमीणी साहल़, दया धार दिल देवी। आयो कोप आपरां ऊपर, कोरोना सो केवी।।१ चीन चूंथ इटली पण चूंथी, अबखी में अमरीका। आयो कटक हिंद रै ऊपर, तण दंत कीना तीखा।।२ डरगी रैत अबरकै देवी, मान मनां महामारी। दूजी नहीं औखधी दीसै, थिर छाया सिर थारी।।३ …

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गीत करनीजी नै अरज रो – गिरधरदान रतनू दासोड़ी

संभल़जै सत सिमरियां साद निज सेवगां, लेस मत हमरकै जेज लाजै। विपत्ति मिटावण वसुधा-कुटंब री, उडंती लोवड़ी भीर आजै।।1 खलक री रखै तूं पलक री खबर नै, मुलक में पसरगी महामारी। आपरां तणी तूं हेक छै औषधी, थापपण छापपण हेक थारी।।2 पसारै दिनोदिन रोग निज पांवला, प्राथमी ऊपरै दांत पीसै। …

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बीसहथ रा सौरठा – रामनाथ जी कविया

उभी कूंत उलाळ, भूखी तूं भैसा भखण। पग सातवै पताळ, ब्रहमंड माथौ बीसहथ।।१ सौ भैसा हुड़ लाख, हेकण छाक अरोगियां। पेट तणा तोई पाख, वाखां लागा बीसहथ।।२ थरहर अंबर थाय, धरहरती धूजै धरा, पहरंता तव पाय, वागा नेवर बीसहथ।।३ पग डूलै दिगपाळ, हाल फाळ भूलै हसत। पीड़ै नाग पताळ, बाघ …

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करनी सुजश

छंद मोतीदाम करनी सुजश नमो तुझ्झ मैह सुता करनल्ल। सदा कर रैणव काज सफल्ल। प्रसू तव दैवल आढीय पाय। महि पर धन्य भई महमाय। सही किनियां कुल ग्राम सुआप। अहो वय ऊपजिया धिन आप। मही पर बेल बधंतिय मान। दिया घण दीपवधू वरदान। सदा तन कंकण चूड सुहात। रहे कर …

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गीत जांगड़ो देसाणराय रो

।।गीत – जांगड़ो।। जंगल़ थप थांन विराजै जांमण देवी आप देसांणै। द्रढकर राज बैठायो दाता, बीको पाट बीकांणै।।1 अरजन विजै जांगलू आख्यो, चारण जोड चरावै। धारै नाय रोफ धणियां रो, करनी हांण करावै।।2 चरती धेन जोड में चारो, मन व्रदावन मांनै। आयो दुसट बैठ अस आसण, करी दूठ तंग कांनै।।3 …

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करनी जी – सुरेश सोनी (सींथल)

सन् 1386 की बात है। जोधपुर जिले के सुवाप गांव में मेहाजी किनिया के घर उत्सव का माहौल था, क्योंकि उनकी पत्नी देवल देवी आढ़ा के छठी सन्तान होने वाली थी तथा पहले से पांच पुत्रियों के होने के कारण इस बार सभी को पूरा विश्वास था कि पुत्र ही …

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श्री करणी माता का इतिहास – डॉ. नरेन्द्र सिंह आढ़ा

श्री करणी माता का जीवन-वृत्तान्त श्री करणीमाता के पिता मेहाजी जो किनिया शाखा के चारण थे। उनको मेहा मांगलिया से सुवाप नामक गाँव उदक में मिला था, जो जोधपुर जिले की फलौदी तहसील में पडता है। मेहाजी को सुवाप गाँव मिलने से पहले यह गाँव सुवा ब्राह्मण की ढाणी कहलाता …

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करणीजी रा छप्पय- गिरधरदान रतनू दासोड़ी

महाकवि चैनकरणजी सांदू ने कहा है- देवी नव दिन्नांह, साचै मन समरण करां। तीन सौ साठ दिनांह, विघन न व्यापै बीसहथ।। आप सभी सहृदय सज्जनों को पावन नवरात्रि शुभारंभ की आत्मिक बधाई।मा करनी आपके जीवन में सुख,समृद्धि, शांति तथा सद्बुद्धि का विस्तीर्ण करें एवं आप साफल्य मंडित जीवन की राह …

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