March 20, 2023

प्रीतम् देय पुलिस – मोहनसिंह रतनू

कद मोटो कटि केहरी, छाती इंच छतीस।
मरद मूंछालो मानवी, म्हने प्रीतम देय पुलीस।।
मुस्डंडा मुजरा करे, सदा झुकावे शीश।
थर थर गुंडा थर थरै, पैंथर राज पुलीस।।
फरको चरणो फूदकणो, बढिया नित बगसीस।
रोफ जमाणो राज रो, प्रीतम देय पुलीस।।
हाथ मोंय डंडो हुवै, टोपी सिर टणकीस।
कसियोडी काठी कमर, परणू बींद पुलीस।
बोबाडा बारे करे, घर मे शांत नफीस।
परमेसर सुण प्रार्थना, प्रीतम देय पुलीस।
भरी देश हित भावना, सदा चुस्त सरवीस।
बेमाता वर दीजिये, परणू राज पुलीस।।
अदल न्याय इंसाफ मे, तुरत करे तफ्तीश।
नीर क्षीर न्यारा करे, परतख राज पुलीस।।
आवै जन धन आपदा, जद रुठे जगदीश।
लाय भयंकर लपट मे, पुगे तुरत पुलीस।।
कौर जरी री कांचली, कुरती ले कटपीस।
मद छक आवे महकतो, प्यारो राज पुलीस।।
खाकी वरदी दिल खुशी, दुखियन को दरवीस।
हमदरदी हिलमिल रहे, प्रीतम राज पुलीस।।
दिल सूं राखे दोसती, रखे न उंडी रीस।
व्यथा मिटावण वासते, प्रीतम देय पुलीस।।

~मोहनसिंह रतनू चौपासनी

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