
जन्म | 15 मार्च 1972 |
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उपनाम | शक्तिसुत |
जन्म स्थान | नाथूसर (लूणकरणसर) बीकानेर |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
‘राजस्थानी निबंध-संग्रै’ का संपादन | |
जीवन परिचय | |
गजादान चारण ‘शक्तिसुत’ / परिचय |
#कवि डॉ. गजादान चारण की रचनाओं के लिए कविता/आलेख के शीर्षक पर क्लिक करें।
- अपभ्रंश साहित्य में वीररस रा व्हाला दाखला~
- आसै बारठ रै चरणां में ~
- आज रो समाज अर सराध रो रिवाज~
- उर में मत ना लाय उदासी~
- एतबार रखिए अवस~
- कमाल जिंदगी~
- कवि मनुज देपावत का आह्वान~
- काव्यशास्त्र विनोद का अनूठा मंच काव्य – कलरव ~ पटल ~
- क्रांतिवीर केशरीसिंह बारहठ~
- कोरोना से करें किनारा~
- खाखी बोलै आज खारी~
- खाख हुवै सो लाख बणै~
- खुद रै बदळ्यां बिना बावळा~
- गज़ल~
- गुरु अमृत की खान ~
- चिरजा- बिड़द रख बीसहथी वरदाई~
- चुनौतियों के चक्रव्यूह में फंसे आज के विद्यार्थी एवं अभिभावक~
- छात्रसंघ-निर्वाचन ~
- जद भोर भयंकर भूंडी है~
- जद भोर भयंकर भूंडी है~
- जाती रही – गजल ~
- जिंदगी~
- जीवटता री जोत जगावतो अंजसजोग उल्थौ ~
- डग-डग माथै खौफ डगर में~
- दिवला! इसड़ो करे उजास~
- दीपमालिका का दीपक~
- दीपक की रोशनी में सच का चेहरा~
- दोबड़ी~
- दौरेजहाँ का दर्द ~
- नवसंवत्सर की शुभाकांक्षा~
- पहले राष्ट्र बचाना होगा~
- प्रशंसा – डाॅ. गजादान चारण “शक्तिसुत”~
- पुस्तक-प्रेम, पुस्तकालय-संस्कृति एवं पठनीयता के समक्ष चुनौतियां~
- बन्द करिए बापजी –
- बध-बध मत ना बोल ~
- बाती को मत फूंक लगा ~
- बालक हूं बुद्धू मत मानो ~
- बालकाव्य~
- बुद्धि के दाता:गणपति ~
- भारत नैं आज संभाळांला~
- म्हारी अनूदित पोथी आस्था री मंदाकिनी सूं एक निबंध आप सब विद्वानां रै पठनार्थ-
- मत करो इस मुल्क से गद्दारियाँ पछताओगे~
- मांडणा ~
- मेट आरत मेह कर~
- मोटी मरजादण मरुभाषा~
- सखा श्रवण को श्रद्धांजलि~
- सरपंची सौरी कोनी है~
- समय को पहचानो~
- संस्कारां रै संकट सूं जूझता रिश्ता~
- साची बात कहूँ रे दिवला ~
- सुकवी गजदान सुणावै रे~
- शिक्षक ~
- ये षड्यंत्री दौर~
- रंग जोरावर रंग~
- रक्तिम स्याही से लिखने वाले~
- राष्ट्राराधना का गौरवमय काव्य: क्रांतिकारी केहर केसरी~
- राज बदळियां के होसी~
- वहशी गर जिंदा होते, हम सब शर्मिंदा होते~
- वक्त – ग़ज़ल~
- विजयी एवं पराजयी मानसिकता~
- हर दिल हिंदुस्तान रहेगा~
- हिंदी~
- हेत बिन होळी अधूरी~