March 20, 2023

गणतंत्र दिवस री सगल़ै सैणां नै बधाई…

जनतंत्र तो झाड़ छिंयाड़ी!
खावै गोधा हरियल़ बाड़ी!
गादी ऊपर तँत्र हावी!
जन री सांप्रत माड़ी भावी!!

जन रै आडी जड़ी किंवाड़ी!
तंत्र अपणो बड़ो खिलाड़ी!
खादी कातण गांधी पचियो!
बदल़ै में अपजस ई बचियो!!

चसमो जाणै कठै गम्यो है!
बिनां डांगड़ी डैण थम्यो है!
चरखो तूट कातली तूटी!
कातण री आदत पण छूटी!!

दूजा भाई धणी बण्या है!
धणियापण नै तीर तण्या है!
डोकरियो सिरोली माऊ!
ताण स्याल़िया खावे हाऊ!!

घर रो नहीं नहीं घाट रो!
नहीं गल़ी अर नहीं पाट रो!
गांधीवादी लुकग्या भाई!
इसड़ी आ आजादी आई!!

लड़र्या देखो लोग लुगाई!
थोथपणै ठग करै ठगाई!
नवी ,देश में आ ठकराई!
लूंटीजै नित जनगण लाई!!

बेटो देख बाप नै पटकै!
कुरसी खातर माथै कटकै!
बाप बेटे नै पाछो झटकै!
सांंझ !दारू तो भेल़ो गटकै!!

आंनै समझ नवोड़ी आई!
लगी लगी कर झूठ लड़ाई!
भोल़ा मिनख भरम में भाई!
समझै नाही आ नुगराई!!

जनतंत्र तो जोड़ -तोड़ रो!
संविधान री ओट झोड़ रो!
फूट फजीती शीश फोड़ रो!
बांदरवाल़ी डाल़ दौड़ रो!!

इणमें खूंजा फाट गया है!
पैला वाल़ा ठाट गया है!
दही बिलाड़ा चाट गया है!
वल़ोवल़ी नै न्हाठ गया है!!

किणरो काढां दोष बताजै?
हुवै किणी में जोश बताजै?
बच्यो किणी में होश बताजै!
देख्यो नैणां रोस बताजै!!

जन मन नै कुण जांचै भाई!
आवै जकोई खांचै भाई!
फोर-फोर नै टांचै भाई!
समझणिया निज सांचै भाई!!
~~गिरधरदान रतनू दासोड़ी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
%d bloggers like this: