March 31, 2023

मत करो इस मुल्क से गद्दारियाँ पछताओगे – डॉ. गजादान चारण “शक्तिसुत”

मत करो इस मुल्क से गद्दारियाँ, पछताओगे
देखकर फिर देश की दुश्वारियाँ, पछताओगे

वतन से ही बेवफाई फिर वफ़ा है ही कहाँ
खो के अपनी कौम की खुद्दारियाँ, पछताओगे

इस अमन के गुलसितां को मत उजाड़ो महामनो!
गुल-विषैले पालती पा क्यारियाँ, पछताओगे

मोहब्बतों ओ मतलबों में दुश्मनी है दोस्तो!
पीढ़ियों-पुस्तों की खोकर यारियाँ, पछताओगे

बंद धरनों नजरबंदी ओ सियासी गोटियों से
बढ़ गई गर मजहबी-बीमारियाँ, पछताओगे

छद्म चेहरे ये तुम्हारे भीड़ को उकसा रहे हैं
अब न छुपनी आपकी अय्यारियाँ, पछताओगे

हिंद की शालीनता को हीनता मत समझिए
मार देंगी अमन को मक्कारियाँ, पछताओगे।

~डॉ. गजादान चारण “शक्तिसुत”

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