आज अदीतवार री मुधरी दोपा’र मायड़भासा रै कलमकारों रै नाम रैयी। पर्यावरण री दीठ सूं औ जळसो लीक सूं हट नै हुतौ।
मोकौ हौ भारतीय साहित्य विकास न्यास राजस्थान अर अन्तर प्रांतीय कुमार साहित्य परिषद् जोधपुर री भेळप में आयोज्य अैक पोथी – राजस्थान रा रूंख रै लोकार्पण रौ, जिणरा लिखारा है राजस्थान वन सेवा रा रिटायर्ड अधिकारी अर्जुनदान सा करमावास।
इण अंजसजोग जळसै रौ मंच ई घणौ लाखिणौ हौ। खास पावणा हा न्यायमूर्ति आदरजोग जी के व्यास साब ,जिणौ आपरै सरकारी बंगळै रै अैक रूंख सूं नैह अर बिछोह रै असर रौ सांगोपांग वरणाव कियो।
सतोलै आखरां में मंच संचालक रौ भुजभार इंगेजियौ रतनसिंग जी चांपावत।
अर जळसै रौ जोरदार आगाज कीयौ हाजरजबाब कवि मोहनसा रतनू। आपरी ओपती कविता अर गीत सैंयाजी गाड़ी धीरै चलाणा जी री मारफत ट्रैफिक रूल्स री जाणकारी रै साथै जोरदार रंग जमायौ।
इण जाजम नै औरूं जमावण रौ जोगौ काम कीयौ रैंदड़ी रै कवि वीरेंद्रसा लखावत । आपरी जगचावी रचना म्हारा राम राम माथै हॉल ताळियों सूं गूंजायमान होय गियो।
खास वक्ता आदरजोग सत्यदेव सवितेन्द्र सा फरमायौ कै आ पोथी ईसकूलों रै सिलैबस में सामल करण जोग है क्योंक इणमैं रूंख रौ चलतौ नांव , बॉयोलॉजिकल नांव अर उणरौ पूरौ वरणाव रंगीन फोटू समेत है।
इण जळसै री बडेरचारी करता थकां मायड़भासा रै सिरै साहितकार डॉ. आईदानसिंह सा भाटी खेजड़ी माथै अैक रचना सुणाई अर पाणी री महिमा अर रुखाळी रौ चावौ गीत पण सुणायौ।
मंचासीन वैज्ञानिक डॉ त्रिलोकसिंगसा राठौड़ इण पोथी री साईंटिफिक इम्पोर्टैंस सूं श्रोताओं नै रूबरू कराणै रौ मैहताऊ काम करियौ।
इण मौकै पोथी रा लिखारा अर्जुनदान सा कैयौ कै आपां पर्यावरण री बातां जाणां तो सगळा हां पण वांनै मानां नी। जे हमैं नी चेतिया तो पछै आपांणी आवण आळी पीढियों नै पछताणौ पड़ैला सो रूंख लगावौ अर वां री जतन सूं पाळगेट करौ।
इण मौकै केई कवि, साहितकार, लेखक, अधिकारी- कर्मचारी अठै हाजर होयनै इण जाजम री शोभा सवाई कीनी।
म्हारी दीठ सूं औ पैलौ मोकौ हौ जठै कुदरत नै रुखाळण री सांतरी सीखमत रै साथै औ अगमभाखी जळसौ अठै व्हियौ।
इण अंजसजोग पोथी सारू आदरजोग अर्जुनदान सा नै लखदाद अर घणा घणा रंग।
– नारायणसिंग तौळेसर