अपने अस्तित्व की जड़े सींचने का सार्थक प्रयास
योग, व्यायाम एवम व्यक्तित्व विकास शिविर
(चारण अस्तित्व सेवा संस्थान)
आज के इस युग में हर गतिविधि, कामकाज से लेकर समाज सुधार तक सोशल मीडिया से बखूबी प्रभावित है, आमजन से लेकर व्यक्ति विशेष का अधिकांश समय सोशल मीडिया पर लाइक शेयर पोस्ट करने में व्यतीत हो रहा है। इस समय में समाज के कुछ युवा चिंतकों द्वारा समाज के अग्रणी विद्वानों के सानिध्य में पहला योग व्यायाम एवम व्यक्तित्व विकास शिविर का आयोजन जोगमाया मां करणी के प्रांगण देशनोक में होने जा रहा है।यह आयोजन बिना किसी तामझाम, आडंबर से सीधे-सीधे बालकों को प्राथमिक रूप से व्यक्तित्व विकास के गुण, संस्कार, स्वास्थ्य, व्यायाम, अनुशासन का प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए किया जाएगा। चारणत्व, चारण साहित्य को जीवंतता प्रदान करने वाले साहित्यकार व ओजस्वी वक्ताओं का उद्बोधन होगा। प्रथम प्रयास में शिविरार्थियों की संख्या नहीं बल्कि गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाकर एक महत्वपूर्ण बीजारोपण होने जा रहा है जिसमें आने वाले समय में सकल समाज के लोग बंधु इसमें जुड़कर अपने जातीय गौरव स्वाभिमान के अस्तित्व को बनाए रखते हुए इसे और पुष्पित पल्लवित करेंगे।
आज विषमता के दौर में सबकुछ सहज उपलब्ध होते हुए भी कुछ भी हाथ नहीं लग रहा है* *चारण समाज के अतीत का वर्तमान में तारतम्य नहीं बैठ पा रहा है।ऐसे में आवश्यकता है कि ऐसे निस्वार्थ भाव से किए गए जमीनी धरातलीय पवित्र प्रयासों को समाज का हर वर्ग अपना अनुभवजनित मार्गदर्शन, आशीर्वाद देते हुए इस पहल को विस्तृत करने में सहभागी बने ऐसी कामना करते हैं।
महेंद्र सिंह चारण
संपादक,
जयदेव सिंह झीबा
प्रबंधक
चारणत्व मेगज़ीन
उदयपुर
NAIC…or Sab ko jai Mata ji ri
जय माताजी हुक्म