March 21, 2023

देवकी उदर में प्रगटियो डीकरो- गिरधरदान रतनू दासोड़ी

गीत -प्रहास साणोर
कड़ाका आभ दे बीजल़ी जबर कड़कड़ी,
धड़धड़ी कंसरी धरण धूजी।
हड़बड़ी दूठ रै वापरी हीयै में
पुनी जद गड़गड़ी खबर पूजी।।1
देवकी उदर में प्रगटियो डीकरो,
असुर तो मोत रो रूप आयो।
इधर न ऊबरै उधर नह ऊबरै
जबर वसुदेव ओ सुतन जायो।।2
कुटल़ रै हीयै में छूटगी कँपकँपी
विटल़ गढकोट में धूज बीनो।
सिटल़पण काज के पोल़़ाया सितँगियै
दाब निज बैन पर अटल़ दीनो।।3
पठाया शिशू के खबर आ पाड़वा
दिसोदिस नठाया दूत दाना।
लठाया दैतड़ां खबर आ लिराई
नंद घर रमाया लाल नाना।।4
छतापण बुलाई पूतना छागटी
पिलावण जहर रु हेत पानो।
किलोल़ां करावण पूगगी कुलखणी
कोड सूं रमावण नंद-कानो।।5
मात री बैन बण रमायो महखणी
झुलायो पालणै देय झोटा
जहर -थण तोत सूं पूतना झलायो
मुल़कतै चसायो धणी मोटा!!6
सररर कर प्राण नै खांचिया सड़ाकै
कियो मुख पूतना अररर कूकी।
झड़़ाकै एक में धररर तन जोयलो
ढबैसर सरग धर जाय ढूकी।।7
दूठपण कंसड़ै मेल के दैतड़ा
मूठबल़ नाथ सूं राड़ मांडी।
झूंठ में ऊंठ ज्यूं खीझियो जबरपण
छिति पर रूठ मरजाद छ़ांडी।।8
मुरड़िया सबां नै पाणबल़ मुल़कतै
काज जग सुरड़िया आप काना।
उरड़िया जिता ई नंद री अवनपर
दुरड़िया कंस रा दास दाना।।9
अड़ड़ जल़ राल़तो सुरापत आवियो,
सधर घबरावियो बिरज सारो।
धणी जद भीर हमगीर बण धावियो
ढावियो इंद रो मछर ढारो।।10
रणांगण अनेकां  पिसण तैं रुल़ाया
तोड़िया कितां रा दसण तारां।
पूरिया वसण तैं पंचाल़ी परघल़़ा
सिमरियां रसण रा थाट सारां।।11
कहै कवि गीधियो नाथरी कीरती
आपरी रहूं नित आय ओटै।
माफ कर माहरो माठपण माहवा
खेवटा राखजै कल़ू खोटै12

गिरधरदान रतनू दासोड़ी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
%d bloggers like this: