वोटर री छाप – हार जीत री बाप
वोटर थारी कल्ला गज़ब है, छाप थारी बलवारी है।
थूं छिपके जिणने छाप चेप दे- वाँ घर मयँक सवारी है।।
वोटर थारी कल्ला गज़ब है…..
1. नेता सगला नाज़ नखरा, द्वार थारे दर रोज किया।
लोभ, प्रलोभन, लाचारी लालच, क्ई तिकड़म ताबडतोड किया।।
गल्ली गल्ली, चौवट, घर घर, भाषण भभकेदार दिया।
तोय नि जाणयो भेद भाईड़ा, थें काईं ! मन में धारी है।।
वोटर थारी कल्ला गज़ब है…..
2. जदसुं घोषणा घोषित कीनि, इलेक्शन री सरकार अठे।
हर नेता घर भीड़ भड़ाका, लोगां रा हुजूम वठे।।
एक टिकट हक्कदार हजार बण, जा जयपुर पूरा जोग जुटे।
पण रिमोट राज रो हाथ रैयत रे, अर चाबी बंगला वारी है।।
वोटर थारी कल्ला गज़ल है…..
3. लोकशाही में गीत गद्दी रा, हर कोई नेता गावे है।
सुपर बंगलो, कार सफारी, सुविधा विद्ध विद्ध चावे है।।
बण एम.एल.ए.ताण मूंछ ने, सदन पहोंचणो भावे है।
पण नि जाणे ए! वात वेवलो, थें ? छाप किण ने मारी है।।
वोटर थारी कल्ला गज़ब है…..
4. हो हल्ला क्ई हुड़दंग मच्चया, मोटा नेता धच्चया हा।
उठपटाक उपल्ब्धियां गिणागिण, जात गोत पण टच्चया हा।।
एक दूजा आपस में उलझ्या, भूंड ठीकरा सिर भच्चया हा।
थें….सब पेटी सिम्ट परा, कैद लाक कर डारी है।।
वोटर थारी कल्ला गज़ब है…..
5.अब कांई होसि अब कांई करसि, रोसि जीव ने हारयो नेता।
टेंन्ट टंडेरा,माईक भूंगला, खर्चो व्यर्थ सारयो नेता।।
जो दाम इता दान किया होत, होतो काम मन धारयो नेता।
रोग राज रो,चश्को खाज रो, ले डूबो नैया सारी है।।
वोटर थारी कल्ला गज़ब है….
6. बी.पी. बढ़गी, चक्कर अणुता, कदे, हार्ट, सीने दर्द पसीना।
कदे भीड़ पंडाल नीं मन भावत, छुटपुट दिखे दस पाँच नगीना।।
गलो फाड़, जोर धाड़ धाड़, भाषण प्रयन्त, कोई जयकार लगी ना।।
कर्म हाथ दे नींचे खिसक्यो, लगे ना अब कोई कारी है।।
वोटर थारी कल्ला गज़ब है….
7. पचास पेंतरा पोपोजी पटके, जनता झटके वात झूठ री।
इसा वायदा आगे पण किना, कियां वात करे.. फेर लूट री।।
पेहलां जीत पण महेलां छिप गो, फेरुं लप्कयो गाबड़ ऊंची ऊंठ री।
बुध्धु बणाय… नाठ भाग गो, अब आई म्हाँकी बारी है।।
वोटर थारी कल्ला गज़ब है…..
8. अठे राम भरोसे चाले रोडवेज़, अठे बलात्कार भरमार व्है।
अठे चेन लुटेरा, कोझा कातिल, शहर, गाँव सब सुलग रहै।।
सुशासन जनता चाव न्याय री, सब नर नारी चहुँ और चहै।
अब ना करजो कोई घोटाला, जन नाप तोल वोट डारी है।।
आ लेख “आहत” रो लीगल चोखो, नोखी उजरदारी है।
वोटर थारी कल्ला गज़ब है, छाप थारी बलवारी है।।
थूं छिपके जिण ने छाप चेप दे, वां घर मयँक सवारी है।।
वोटर थारी कल्ला अजब है…..
~आशूदान जाडावत “आहत” जयपुर राज.