March 21, 2023

चारणी चरज=आवड ने भेळीयो

चारणी चरज= आवड ने भेळीयो

जेने वंदन करे छे सुरज भाण…आवड ने भेळीयो


मोगलमाने भेळीयो मारी,आवड माने भेळीयो (२)
जेने वंदन करे छे सुज भाण…मोगल ने भेळीयो

शेष देव नाना ने डाडा महेशजी (२)
एने उमीयाए दिधो हाथो-हाथ,मोगलने भेळीयो
जेने वंदन करे छे सुरज भाण…

आभ केरा आभरण तारला झबुकता (२)
एने चांदा सुरजना ए प्रकाश,मोगलने भेळीयो
जेने वंदन करेछे सुरज भाण…

त्रण त्रण लोकमा त्रण ज्यां भुवनमां (२)
माडी नवखंडमां तारा ए निशान,मोगलने भेळीयो
जेने वंदन करे छे सुरज भाण…

ब्रह्माने विष्णु बेय उतारे आरती (२)
ओल्या इंन्द्र जेवा धरे तारा ध्यान,मोगलने भेळीयो
जेने वंदन करे छे सुरज भाण…

लाल रे चुडानी माडी लाजु तारा हाथमा (२)
माडी ओढणीये तारो रे आधार,मोगलने भेळीयो
जेने वंदन करे छे सुरज भाण

सुता ने जागता माडी समरण तमाणा (२)
तोळा गुणला कवि “मेकरण” गाय,मोगलने भेळीयो

आवड ने भेळीयो माडी मोगल ने भेळीयो
जेने वंदन करे छे सुरज भाण,मोगल ने भेळीयो…
रचना = चारणकवि श्री मेकरणभाइ गढवी
टाइपिंग = राम बी. गढवी
नविनाळ=कच्छ
फोन=7383523606

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
%d bloggers like this: