March 21, 2023

कच्छ ना चारण कवि श्री श्याम गढवी नी एक सुंदर रचना

कच्छ ना चारण कवि श्री श्याम गढवी नी एक सुंदर रचना
ढाळ — काळजा केरो कटको
अखूट खजानो प्रेम नो तारो
   
अखुट खजानो प्रेम नो तारो,मावडी माप ज नही..२
जग हाले आखु यात्रा करवा,ऊंबरे ओडखे नहीं..
अखुट खजानो…
भाई मुके भामिनि मुके पण,मावड़ी मुके ज नहीं…२
दोढ दुकाडे नावडि सुके,पण सागर सुके ज नहीं….
अखुट खजानो…
चकली माळुं बांधवा चांचे,लाखो तणखा लई…
उड़ता सीखे बाळ आकासे,पछी एनु मात थी नातुं नहीं…
अखुट खजानो…
पूछ जो ओला पूत ने कोई दी,जे मात विण मोटा थई…
मात विण छोरु नु  काज छे कोरू,ई कवियों थाक्या कही…
अखुट खजानो..
लाड लडाव्या लाख ते माडी,गोत ता गोदे लइ…
“श्याम” मडि साची सुख नी घडी,जननी खोडे जई…
अखुट खजानो…
 
रचना-श्याम गढवी
लोक साहित्यकार=मोटा करोडिया-कच्छ
टाइपिंग — राम बी. गढवी
नविनाळ -कच्छ
फोन=7383523606

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